Page 79 - Mann Ki Baat - Hindi
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          करना  पड़ा।  इन  सबके  बावजदो  मैंन  े  में प््धानमंत्ी द्ारा मेरा नाम फलए जाने
          अपने  प्कृफत  प्ेमी  पररवार  के  सदोस्यों   पर मेरी पत्ी, मेरी बेटी, मेरे ररश्तेदोारों,
          और  दोोस्तों  की  मदोदो  से  वृक्ारोपण   फसंगरेनी  के  कम्षचाररयों  और  सभी
          गफतफवफ्ध जारी रखी। मैंने पौ्धे लगात  े  प्कृफत प्ेफमयों ने मुझे ब्धाई दोी। उन्होंने

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          समय सेल्िी और वीफडयो भी फलए।      पूरी  दोफनया  को  मेरे  प्यासों  से  अवगत
              आपकी राय में, पया्षवरण संरक्ण   कराया है। बहुत-बहुत ्धन्यवादो।
          में  व्यब्क्तगत  रूप  से  और  अफ्धक   आपकी राय में पया्षवरण संरक्ण
          योगदोान ककैसे फदोया जा सकता है?   और  सामाफजक  पहलों  में  लोगों  को
              पया्षवरण  संरक्ण  में  रुफच  रखन  े  शाफमल करने के फलए प्ेररत करने में

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          वाला हर व्यब्क्त पौ्धे लगा रहा है। चाह  े  ‘मन की बात’ की क्या भफमका है?
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          वह  प्कृफत  प्मी  हो  या  कोई  भी।  पौ्ध  े  प््धानमंत्ी नरन्द्र मोदोी ने एक ऐसा
          लगाना  अच््छा  है,  क्योंफक  पौ्धा  ही  है,   अनूठा काय्षक्रम शुरू फकया है, जो फकसी
          जो  हमें  ऑक्सीजन  दोेता  है,  िल  तथा   अन्य प््धानमंत्ी ने नहीं फकया। ‘मन की
          सब्ब्जयाँ दोेता है, ्छाया दोेता है और हमें   बात’  बहुत  लाभकारी  है,  क्योंफक  यह
          हब्षल  दोवाइयाँ  दोेता  है।  यह  फमटिी  के   सरकार की कई योजनाओं को लोगों
          कटाव  को  भी  रोकता  है  और  बाररश   तक पहँचा रहा है। इतना ही नहीं, समाज
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          लाता  है।  इसफलए  सभी  को  वृक्ारोपण   में फवशर् योगदोान दोेने वाले लोगों, चाहे व  े
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          को  एक  आदोोलन  की  तरह  अपनाना   शीर््ष पदोों पर बैठे हों या गरीब हों, को मन
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          चाफहए  और  मुझे  प्कृफत  को  बचाने  में   की बात के माध्यम से सफख्षयों में लाया
          खुशी होती है।                     गया। इससे लोग प्ेररत हो रहे हैं। इसके

              मन  की  बात  काय्षक्रम  में  प्ेरक   अलावा  प््धानमंत्ी  ने  समाज  के  फलए
          पहल के साथ शाफमल होने पर आपको     स्वच््छ भारत, अंतरराष्टट्रीय योग फदोवस
          ककैसा लगा?                        आफदो जैसे कई काय्षक्रम शुरू फकए हैं।
              माननीय प््धानमंत्ी ने ‘प्कृफत की   उन्होंने लोगों को फकिायती कीमत पर
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          सेवा’ और मेरे प्यासों की प्शंसा की है।   गुणवत्तापण्ष  फचफकत्सा  सेवा  उपलब््ध
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          उन्होंने मन की बात के 114वें एफपसोड में   कराने के फलए ‘आयष्टमान भारत’ की
          मेरा उल्लेख फकया है। यह एक यादोगार   शुरुआत  की।  उन्होंने  कई  काय्षक्रम
          फदोन  है।  मैं  बहुत  खुशफकस्मत  हूँ  फक   शुरू  फकए  हैं।  इनके  पररणामस्वरूप

          उन्होंने मेरा नाम फलया। ‘मन की बात’   लोगों को लाभ फमल रहा है।


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