Page 72 - Mann Ki Baat - Hindi
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स्थानीय पहचान के साथ वैब्श्वक गौरव और पहचान के गुणगान में भाग
उपब्स्थफत ले रहे होते हैं। जैसा फक प््धानमंत्ी मोदोी
‘मेक इन इंफडया’ का उद्देश्य ने उल्लेख फकया है, ‘50 से अफ्धक स्वयं
भारतीय उत्पादोों के फलए एक मज़बूत सहायता समूह ‘भंडारा टसर फसल्क’
वैब्श्वक उपब्स्थफत स्थाफपत करना को संरफक्त करने के फलए काम कर रहे
भी है, जो ‘वोकल िॉर लोकल’ मंत् हैं। इसमें मफहलाओं की बड़ी भागीदोारी
की फहमायत करता है। यह अफभयान है। यह रेशम तेजी से लोकफप्य हो रहा
उपभोक्ताओं को स्थानीय ब्रांड्स का है और स्थानीय समुदोायों को सशक्त
समथ्षन करने के फलए प्ोत्साफहत करता बना रहा है और यही ‘मेक इन इंफडया’
है, जो अक्सर सांस्कृफतक महत्तव से अफभयान की भावना है।’
ओत-प्ोत होते हैं। स्थानीय वस्तुओं को सांस्कृफतक कूटनीफत
बढ़ावा दोेकर यह अफभयान समुदोाय और इसके अलावा ‘मेक इन इंफडया’
पहचान की भावना को बढ़ावा दोेता है, अफभयान सांस्कृफतक कूटनीफत के फलए
इस फवचार को पुष्टट करता है फक प्त्येक एक संसा्धन के रूप में काय्ष करता है।
खरीदो सांस्कृफतक फवरासत के संरक्ण में अंतरराष्टट्रीय व्यापार मेलों और एक्सपो
योगदोान दोेती है। जब उपभोक्ता भारतीय में भारतीय फशल्प कौशल और नवाचार
फनफम्षत उत्पादो खरीदोते हैं, तो वे केवल का प्दोश्षन करके यह पहल भारत को
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खरीदोारी नहीं कर रहे होते हैं, वे राष्टट्रीय अपनी सांस्कृफतक समृफद् को दोफनया के
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