Page 68 - Mann Ki Baat - Hindi
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वेव्स






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        फक्एटटव स्क्टट्रि िें अवसर्

        िारत पकिा्यती, उच्-गुणव�ा वाली सामेग्री के पवकास के पलए एक प्रमेुख केंद्र के रूि मेें उिर
                                              ये
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        रहा है। वल्ड्ड ऑपड्यो पवज़अल एंड एंटिरटि़ेनमेेंटि सपमेटि (वव्स) का उद्दयेश््य मेीपड्या और मेनोरंजन
                                                        ये
        उद्योग के िीतर चचा्य, सह्योग और नवाचार को बढ़ावा दना है। इसस िारत वैस्श्वक मेंच िर
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                                       ये
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        आग बढ़ सकेगा। प्रधानमेंत्ी नरन्दद्र मेोदी द्ारा वव्स और ‘पक्रएटि इन इंपड्या चैलेंज’ के समेथ्यन के
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        साथ, दश िर के पक्रएटिर िारत की बढ़ती पक्रएटिर अथ्यव््यवस्था मेें ्योगदान करन के पलए प्रयेररत
                                                              ये
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        हैं। इस उद्योग के पदग्गजों और एसोपसएशन के प्रमेखों न िी प्रधानमेंत्ी मेोदी के समेथ्यन के बार  ये
                                          ु
        मेें आशा व््यक्त की है।
                                    -प्रधिानमंत्री नरेन्दद् मोदी, ‘मन की बात’ सम्बोधिन में
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          वव्स चैलेंज िारत के इलक्ट्ॉपनक उद्योग के पलए अिार सम्िावनाएँ प्रदान
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          करत हैं, पवशयेर्ष रूि स एआई, ई-स्िो्वस्य और पडपजटिल मेीपड्या मेें। अिन  ये
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          तजी स बढ़त गयेपमेंग बाजार के साथ, िारत एक वैस्श्वक अग्रणी बन रहा
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          है। िात्ों को सपक्र्य बनान और उनकी तल्लीनता को बढ़ान मेें एपनमेयेशन
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          की मेहत्तविण्य िपमेका है। एवीजीसी उद्योग तजी स पवस्तार कर रहा है।
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                                                  ये
          2026 तक इसके 6.8 पबपल्यन डॉलर तक िहुँचन का अनुमेान है। वव्स
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          ई-स्िो्वस्य चैस्म्ि्यनपशि (ड्धल््यईएससी) ‘पक्रएटि इन इंपड्या चैलेंज - सीजन
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          1’ के तहत प्रमेुख चुनौपत्यों मेें स एक है। पक्रएटिर इकॉनमेी मेें िारत मेें रोजगार
                                       ये
          के मेहत्तविण्य अवसर िैदा करन की क्मेता है। वव्स जैसी िहल पवपिन्न   लेोकेश सजी    ये
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                                                      पनदशक- ईस्िो्वस्य िेडरशन ऑि
                                                        ये
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                                                ये
          रणनीपत्यों के मेाध््यमे स िारत मेें ई-स्िो्वस्य के पवकास मेें ्योगदान द सकती  इंपड्या, उिाध््यक्- एपश्यन इलक्ट्ॉपनक
                                                                       ये
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          है। प्रधानमेंत्ी नरन्दद्र मेोदी द्ारा वव्स का समेथ्यन दश के रचनात्मेक समेुदा्य   स्िो्वस्य िेडरशन
          को प्रयेररत और संगपठत कर सकता है।
           वव्स एक ऐसा मेंच है, पजसका उद्दयेश््य िारत मेें रचनात्मेकता को लोकतांपत्क
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           बनाना है। ्यह नागररकों को संगीत, बोपल्यों और कथा वाचन जैस पवपिन्न
           रूिों मेें िाग लन और अिनी प्रपतिा को दशा्यन का अवसर प्रदान करता
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                                      ये
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           है। स्थानी्य रचनात्मेकता की िहचान करके और उसये बढ़ावा दकर, वव्स
           आपथ्यक पवकास और सांस्कृपतक आदान-प्रदान मेें ्योगदान द सकता है। इस
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           िहल को प्रधानमेंत्ी नरन्दद्र मेोदी स मेान्द्यता पमेली है, जो वैस्श्वक रचनात्मेक
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           समेुदा्य और पनवश के पलए िारत के खुलयेिन का संकेत दता है। वव्स
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           िारती्य रचनाकारों के पलए वैस्श्वक मेंच तक िहुँचन के पलए एक स्थानी्य
           मेंच के रूि मेें ठीक उसी तरह का्य्य करता है, जैस आईिीएल न िारती्य
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           पक्रकेटि के पलए पक्या था।
                                                       ्धलेेज जे िनािीस
                                                               ां
                                                       अध््यक्, िारती्य संगीत उद्योग
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