Page 29 - Mann Ki Baat Hindi
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y लता मंगेशकर को पूरी दटनया पयार से लता दीदी के
                                                         ु
                                       नाम से जानती है। लता जी भारतीय संगीत की ्वो आ्वाज
                                       थीं जो आज भी हर टदल में बसी हुई है। उनका जनम 28
                                                                 ं
                                      टसतमबर, 1929 को इंदौर में हुआ। उनके टपता पटडत दीनानाथ
                                      मंगेशकर भी एक प्रटसद्ध शासत्रीय गायक थे।
                                       y लता जी ने महज 13 साल की उम्र में गाना शर कर टदया था
                                                                ु
                                      और आने ्वाले दशकों में उनहोंने 30 से अटधक भाषाओं में
                                      हजारों गीत गाए। उनकी आ्वाज में मौजूद टमठास, नजाकत
                                      और सच्ाई टकसी जादू से कम नहीं है।
                                       y लता  मंगेशकर  का  संगीत  के्वल  मनोरंजन  नहीं  था।  ्वह
                                             े
                                      देशभश्त, प्रम और इंसाटनयत का संदेश था। उनका गाया गीत
                                      ‘ए मेरे ्वतन के लोगों’ सुनकर आज भी आँखें नम हो जाती हैं।
                                       y लता जी का संगीत भारतीय परमपरा और सभयता से गहराई स  े
                                      जड़ा हुआ है। चाहे भजन हों या ग़जलें, लोकगीत हों या टफलमी
                                       ु
                                      गीत, ऐसा महसूस होता है टक उनहोंने हर रप में अपनी आतमा
                                      डाल दी।
                                                  े
                                       y लता जी ने अपने लमब कररयर में मोहममद रफ़ी, टकशोर कुमार,
                                      मुकेश और मन्ना डे जैसे गायकों के साथ असंखय यादगार गीत
                                      गाए। उनकी जोड़ी संगीत के हर दौर में अमर रही।
                                       y लता  मंगेशकर  को  कई  राष्ट्रीय  और  अंतरराष्ट्रीय  पुरसकार
                                      टमले। भारत रत्, पद्म भूषण, पद्म ट्वभूषण और दादा साहब
                                      फालके पुरसकार जैसे सममान उनके नाम हैं।
                                       y अयोधया  में  लता  मंगेशकर  के  सममान  में  बनाया  गया  लता
                                      मंगेशकर  चौक  उनकी  सुरीली  ट्वरासत  का  प्रतीक  है।  यहा  ँ
                                      सथाटपत ्वीणा की प्रटतमा उनके अमर संगीत और सांसककृटतक
                                      योगदान को नमन करती है।
                                       y लता  जी  ने  न  के्वल  टहनदी  बशलक  मराठी,  बंगाली,  तटमल,
                                      गुजराती, उदूमा और कई अनय भाषाओं में गाकर संगीत की सीमाए  ँ
                                      टमिा दीं। हर भाषा में उनकी भा्वनातमक गहराई और आतमीयता
                                      सांस लेती नजर आती है।


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