Page 25 - Mann Ki Baat Hindi
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अनुवाद
अ़िी़ि कुलतार,
आज तुमहारी आँखों में आँसू देखकर बहुत रंज (दुख) हुआ। आज
तुमहारी बात में बहुत ददमा था। तुमहारे आँसू मुझसे बदामाशत नहीं होते।
बऱिूरदार! टहममत से तालीम हाटसल करते जाना और सेहत का ख़याल
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रखना। हौसला रखना। और ्या कहँ शे'र तुझे ्या टलखँ सुनो-
“उसे ये टफ़क्र है हरदम नया तज जफ़ा ्या ह ै
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हमे ये शौक़ है देखें टसतम की इंतेहा ्या है”
“दहर से ्यों ़िफ़ा रहें च़िमा का ्यों टगला करें
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सारा जहाँ अदू सही आओ मक़ाबला करें”
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“कोई दम का मेहमाँ हँ ऐ अहले-महटफ़ल
चरागे सहर हँ बुझा चाहता हँ”
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“मेरे ह्वा में रहेगी खयाल की टबजली
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ये मुशत-खाक है फ़ानी रहे रहे न रहे”
अचछा रुखसत!
“खुश रहो एहले-्वतन हम तो सफ़र करते हैं”
हौिले िे रहना।
नमसत े
तुमहारा भाई
भगत सिंह
भगत सिंह का अ्ने छोटे भाई िरदार कुलतार सिंह को सलखा अंसतम ्रि, जो उनहोंने
उदू्त में 3 माि्त, 1931 को जेल में अ्ने ्रर्वार िे अंसतम मुलाकात के बाद सलखा था।
टसंह पर गहरा प्रभा्व पड़ा। टश्वराम था, लेटकन जब भगत टसंह के हाथ का
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राजगुरु, सुखद्व थापर और चद्शेखर टलखा एक पोसिर टमला टजसमें कांड का
आजाद के साथ उनहोंने लाजपत राय उद्शय सपष्ि टकया गया था तब उनहें और
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की मौत का बदला लेने का संकलप उनके साटथयों को इस मामले से जोड़ा
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टलया और लाठी चाजमा के टलए टजममदार गया। 8 अप्रैल, 1929 को, टहनदुसतान
अधीक्षक जे.एस. सकॉि को मारने की सोशटलसि ररपश्लकन एसोटसएशन
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योजना बनाई। टकनत दभामागय्वश पहचान (HSRA) के सदसय के रप में भगत टसंह
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में ग़लती हो जाने से एक अनय अटधकारी और बिुकेश्वर दत्त ने टदलली की सेंट्रल
सैंडसमा की हतया हो गई। लेटजसलेटि्व असेमबली में बम फेंके। ये
पहले तो टरिटिश अटधकाररयों को बम हाटनकारक नहीं थे और बक़ौल भगत
पता नहीं चला टक इस कांड के पीछे कौन टसंह के्वल ‘बहरों को सुनाने के’ उद्शय
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