Page 31 - Mann Ki Baat Hindi
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सबसे  कठोर  जल्वायु  पररशसथटतयों  का
          सामना टकया।
              यात्रा के हर चरण में उनके साहस
          और  कौशल  की  परीक्षा  हुई।  उनहोंन  े
                                     ं
          50  नॉि  (93  टकलोमीिर  प्रटत  घिा)
          की तज ह्वाओं, शूनय से नीचे तापमान
              े
          और  उफनती  लहरों  का  सामना  टकया।

          सबसे कटठन टहससा टलट्टलिन से पोि  ्ट
          सिेनली तक का तीसरा चरण था, टजसमें
                         े
          उनहोंने खतरनाक ड्क पैसेज पार टकया,
          तीन चक्र्वातों का सामना टकया और केप
          हॉनमा का च्कर लगाया- जो टकसी भी
          नाट्वक  के  टलए  सबसे  चुनौतीपणमा  मागषों
                                  ू
          में से एक माना जाता है। टफर भी, दोनों

                       ू
                          ृ
          अटधकाररयों ने अिि दढता टदखाई, अपन  े
          आतमट्वश्वास,  अनुशासन  और  सामथयमा
          का पररचय टदया।
              उनकी यात्रा के्वल समद् पर जीट्वत
                              ु
          रहने की कहानी नहीं थी। हर बंदरगाह
          पर ्वे भारत की सद भा्वना दूत बनकर
                          ्
          पहँचीं।  उनहोंने  सांसदों,  ट्वद्ाटथमायों,
            ु
             ै
          नौसटनक कैडेिों, भारतीय प्र्वाटसयों और





















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