Page 34 - Mann Ki Baat - Hindi
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मैंग्रोव एटल्स के आधार पर, ्सा् ही
गूगल अ््ष इमेजरी और अक्नवाय्ष ग्राउंि
ट्रुक््ंग का उपयोग करके, मैंग्रोव रोपण
के क्लए ्स्भाक्वति क्त्ों की पहचान की
े
जातिी है। राजय योजनाओं और CSS
(केंद्र प्रायोक्जति योजना) योजनाओं के
तिहति आवक्टति लक्यों के आधार पर,
ं
क्जन भू-टैग क्कए गए बहुभुजों पर रोपण
क्कया जाना है, उनहें तिैयार क्कया जातिा
है। इ्सके बाद एक ‘उपचार मानक्चत्’
दसतिावेज़ तिैयार क्कया जातिा है, क्ज्समें
ु
रोपण मॉिल के प्रावधानों के अन्सार
्सभी तिकनीकी क्ववरण शाक्मल होतिे हैं,
क्ज्सके आधार पर मैंग्रोव रोपण क्कया
जातिा है।
रटीय पारिनसिभरकी रत्, रैव
ं
भवभवधरा औि समुद्री रीवन कयो बेहरि
बनाने में मैंग्योव का ययोगदान
समुद्री रीवन : मैंग्रोव की जडें कई
मछक्लयों, रिसटेक्शयं्स, केकडों और
अनय ्समुद्री जीवों के क्लए अंिे देने
की प्राककृक्तिक ्सतिह का काम करतिी हैं,
क्ज्सके पररणामसवरूप अंिे ्से क्नकले
े
बच् ्सुरक्क्ति रूप ्से आश्रय वाले क्ेत् में
पया्षपति मात्ा में भोजन की उपल्धतिा के
्सा् क्वकक््सति होतिे हैं।
पभक्यों औि अनय वनयरीवों के
भ्लए आवास : मैंग्रोव स्ानीय और
प्रवा्सी पक्क्यों, ्सरी्सृपों और छोटे
सतिनधाररयों के क्लए घों्सले बनाने,
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