Page 35 - Mann Ki Baat - Hindi
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ब्सेरा बनाने और भोजन करने के स्ान करतिा ्ा। लक्कन ्सामुदाक्यक
प्रदान करतिे हैं। क्नम्न वग्ष के जानवरों ्संवाद विारा रोपण ्समय को जुलाई
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की ्समद क्वक्वधतिा के कारण भक्डयों, ्से अ्तिूबर के बीच स्ानातिररति
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क््सयारों और लोमक्डयों ज्से क्शकाररयों करने का प्रया्स क्कया गया। 2025
की ्संखया में भी वक्द हुई है। मैंग्रोव के मौ्सम में शीघ्र रोपण का प्रयोग
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के फूल शहद के अचछे स्ोति हैं और क्कया गया और इ्सके पररणाम
मधुमक्खयों ति्ा अनय परागणकों की बहति उत्साहजनक पाए गए। इ्स
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अचछी आबादी का पोरण करतिे हैं। प्रकार, ्सक्द्षयों के दौरान रोपण की
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रटीय पारिनसिभरकी रत् में सुधाि ्सीक्मति अवक्ध की चुनौतिी दूर हो गई
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मैंग्रोव की जडें तिलछट, प्रदरकों है, पररणामसवरूप रोपण का मौ्सम
और अक्तिरर्ति पोरक तितवों को रोकतिी ल्बा हो गया है, क्ज्स्से भक्वषय
हैं, ति्ा मैलापन कम करतिी हैं और में बेहतिर मैंग्रोव आवरण होने की
हाक्नकारक शैवाल प्रसफुटन को रोकतिी उ्मीद है।
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हैं, क्ज्स्से तिटीय पाररकस्क्तिकी तित् के
्समग्र सवासरय में ्सुधार होतिा है। भनष्कष्त
यह बहुति महत्वपूण्ष है क्क
चुनौभरयाँ औि समभाभवर समाधान ्सेमीकंि्टर क्नमा्षण, समाट्ट क््सटी
x मैंग्रोव रोपण के क्लए उपयु्ति के क्वका्स और ्संबंक्धति मलटीमॉिल
अक्धकांश मिफलैट राजसव क्ेत् हैं,
्समुद्र-भूक्म इंटरफे्स की गक्तिशील बुक्नयादी ढांचे जै्से महत्वपूण्ष प्रौद्ोक्गकी
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प्रककृक्ति के कारण उनमें ्से कुछ का क्त्ों में ्सरकार के बडी पूंजी के क्नवेश में
्सवक्ण नहीं हो ्सकतिा है। यद्क्प जलवायु पररवति्षन के प्रक्तिकूल प्रभावों के
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मैंग्रोव CRZ (तिटीय क्नयामक क्ेत्) क्खलाफ एक अचछा बैकअप होना चाक्हए।
ज़ोन 1A के अंतिग्षति आतिे हैं, यह इ्स ्संदभ्ष में, गुजराति वन क्वभाग विारा
आवशयक है क्क ‘हररति दीवार’ मैंग्रोव वृक्ारोपण, ्समुद्र तिट की कस्रतिा
प्रया्सों की दीघ्षकाक्लक अखंितिा के क्लए अतयंति महत्वपूण्ष है, जो ्समुद्री
के क्लए रिक्मक रूप ्से रणनीक्तिक जीवन के ्सा्-्सा् स्ानीय और
मैंग्रोव क्त्ों को या तिो ‘्संरक्क्ति वन’ प्रवा्सी पक्क्यों के क्लए उतककृषट आवा्स
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या ‘आरक्क्ति वन’ घोक्रति क्कया जाए। प्रदान करतिा है। स्ानीय मछुआरा
x धोलेरा तिट पर मैंग्रोव रोपण का ्समुदाय को भी अक्धक मछली पकडने ्से
्समय नव्बर ्से जनवरी तिक हुआ बहुति लाभ हुआ है।
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