Page 16 - Mann Ki Baat - Hindi
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्से पहले मैं उ्सकी वीरतिा की बाति आपको
बतिाऊँगा। साभिययो, उस दौि में रब
भनजाम के भख्लाफ एक शबद बयो्लना भी
गुनाह िा, उस नौरवान ने भसद्ीकी नाम
के भनजाम के एक अभधकािी कयो खु्ली
चुनौरी दे दी िी। क्नज़ाम ने क््सद्ीकी को
क्क्सानों की फ्सलें ज़्ति करने के क्लए
भेजा ्ा। लेक्कन अतयाचार के क्खलाफ
इ्स ्संघर्ष में उ्स नौजवान ने क््सद्ीकी को
मौति के घाट उतिार क्दया। वो क्गरफ़तिारी ्से
बच क्नकलने में भी कामयाब रहा। क्नज़ाम
की अतयाचारी पुक्ल्स ्से बचतिे हुए वो
नौजवान वहाँ ्से ्सैकडों क्कलोमीटर दूर काल में उनहोंने अनक्गनति लोगों, क्वशेरकर
अ्सम जा पहुँचा। आक्दवा्सी ्समाज के हृदय में अक्मट छाप
साभिययो, मैं भरस महान भवभूभर की छोडी। उनहोंने क्नज़ाम के क्खलाफ ्संघर्ष
चचा्त कि िहा हूँ- उनका नाम है कयोमिम कर रहे लोगों में नई तिाकति भरी। वे अपने
भीम। अभी 22 अ्रूबि कयो ही उनकी रणनीक्तिक कौशल के क्लए भी जाने जातिे
रनम रयंरी मनाई है। कोमरम भीम की ्े। क्नज़ाम की ्सत्ता के क्लए वे बहुति बडी
आयु बहुति ल्बी नहीं रही, वो महज 40 चुनौतिी बन गए ्े। 1940 में क्नज़ाम के
वर्ष ही जीक्वति रहे लेक्कन अपने जीवन- लोगों ने उनकी हतया कर दी ्ी। युवाओं
्से मेरा आग्रह है क्क वे उनके बारे में
अक्धक ्से अक्धक जानने का प्रया्स करें।
कयोमिम भीम की …
ना भवनम्र भनवा्ली।
आयन प्रर्ल हृदयाल्लों...
एपपभटकी भनभ्लभच-वूँटारू।
साभिययो, अग्ले महीने की 15
रािीख कयो हम ‘रनरारीय गौिव
भदवस’ मनाएँगे। यह भगवान भबिसा
मुंडा री की रयंरी का सुअवसि है। मैं
भगवान भबिसा मुंडा री कयो श्रद्ापूव्तक
नमन किरा हूँ। देश की आजादी के
भ्लए, आभदवासी समुदाय के अभधकािों
के भ्लए, उनहोंने रयो काम भकया वयो
अर्लनीय है। मेरे क्लए ये ्सौभागय की
ु
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