Page 14 - Mann Ki Baat - Hindi
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्सुजलाम्,   ्सुफलाम्,   मलयज   भेक्जए।  #VandeMatram150।  मुझे
        शीतिलाम्,                         आपके ्सुझावों का इंतिज़ार रहेगा और हम
            शसयशयामलाम्, मातिरम्!         ्सब इ्स अव्सर को ऐक्तिहाक््सक बनाने के
            वंदे मातिरम्!                 क्लए काम करेंगे।
            हमें ऐ्सा ही भारति बनाना है। ‘वंदे   मेिे  पयािे  देशवाभसययो,  संसकर
                                                                      कृ
        मातिरम्’ हमारे इन प्रया्सों में हमेशा हमारी   का नाम सुनरे ही हमािे मन-मनसरष्क
        प्रेरणा बनेगा। इ्सक्लए हमें ‘वंदे मातिरम्’ के   में  आरा  है  -  हमािे  ‘धम्तग्ंि’,  ‘वेद’,
        150वें वर्ष को भी यादगार बनाना है। आने   ‘उपभनषद’,  ‘पुिाण’,  शासत्,  प्राचीन
        वाली पीढ़ी के क्लए ये ्संसकार ्सररतिा को   ज्ान-भवज्ान,  अधयातम  औि  दश्तन।
        हमें आगे बढ़ाना है। आने वाले ्समय में   ्लभकन  एक  समय,  इन  सबके  साि-
                                           े
        ‘वंदे मातिरम्’ ्से जुडे कई काय्तक्रम होंगे,   साि ‘संसकर’ बारचीर की भी भाषा िी।
                                                   कृ
                                                                    कृ
        देश में कई आययोरन होंगे। मैं चाहूँगा,   उ्स युग में अधययन और शोध ्संसकति में
                                                                      कृ
        हम  सब  देशवासी  ‘वंदे  मारिम्’  के   ही क्कए जातिे ्े। नाट्य मंचन भी ्संसकति
        गौिवगान के भ्लए सवर: सफूर्त भावना से   में होतिे ्े। लेक्कन दुभा्षगय ्से गुलामी के
        भी प्रयास किें। आप मुझे अपने ्सुझाव   कालखंि में भी और आज़ादी के बाद भी
        #VandeMatram150  के  ्सा्  ज़रूर   ्संसकति लगातिार उपेक्ा का क्शकार हुई।
                                              कृ
                                                                    कृ
                                          इ्स वजह ्से युवा पीक्ढ़यों में ्संसकति के
                                          प्रक्ति आकर्षण भी कम होतिा चला गया।
                                          लेक्कन ्साक््यो, अब ्समय बदल रहा है,
                                                 कृ
                                          तिो ्संसकति का भी ्समय बदल रहा है।
                                              कृ
                                          ्संसकक्ति और Social Media की दुक्नया
                                                कृ
                                          ने ्संसकति को नई प्राणवायु दे दी है। इन
                                          क्दनों कई युवा ्संसकति को लेकर बहुति
                                                          कृ
                                          रोचक  काम  कर  रहे  हैं।  आप  Social
                                          Media पर जाएँगे तिो आपको ऐ्सी कई
                                                                    कृ
                                          Reels क्दखेंगी जहाँ कई युवा ्संसकति में,
                                                  कृ
                                          और ्संसकति के बारे में बाति करतिे क्दखाई
                                          देंगे। कई लोग तिो अपने Social Media
                                                               कृ
                                          Channel  के  ज़ररए  ्संसकति  क््सखातिे
                                           भी  हैं।  ऐ्से  ही  एक  युवा  Content
                                            Creator हैं – भाई यश ्सालुंडके।
                                                यश की खा्स बाति ये है क्क वो
                                                 Content Creator भी हैं और
                                                  क्रिकेटर भी हैं। ्संसकति में बाति
                                                                 कृ
                                                  करतिे हुए क्रिकेट खेलने की


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