Page 37 - Mann Ki Baat - Hindi
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िही  कहादनयों  पि  हम  कहादनयाँ  बनात  े  भी जाते हैं, ्हाँ बच्ों को गोंड कला के
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          हैं। अलग-अलग कहादनयों में मैं अलग-  माधयम से जो पिानी िीज़ लुपत हो िही हैं,
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          अलग कलाकृदतयाँ बनाती हँ। सभी दित्ों   उसके बािे में जागरूक किते हैं।
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          में एक सनिश छुपा होता है। पेड़ बिाओ,   अभी  मैंने  भीमिा्  आमबेडकि
          पानी बिाओ, धिती बिाओ — इन सब      के बािे एक पुसतक पि भी काम दकया
          िीज़ों के बािे में मैं पेंदटग बनाती हँ।   है, जो 11 भाराओं में छपी है। बच्ों की
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              मिे पदत औि गुरु ने मुझे दस्खाया   जो ‘1,2,3’ दकताबें होती हैं, इन पि मैंने
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          औि  अब  मैं  औि  बच्ों  को  गोंड  कला   ज़यािा काम दकया है। मुझे िानी िगा्व्ती
                                ँ
          दस्खा िही हँ। अपने घि औि गा् के औि   अ्ाड्ड, मधय प्िेश सिकाि द्ािा िाजय-
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          िूसिे िाजयों के बच्ों को भी दस्खाती हँ।   सतिीय अ्ाड्ड, मुमबई में द्क्म अ्ाड्ड
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          भोपाल, दिलली, केिल औि अलग-अलग     औि दिलली में मदहला अ्ाड्ड दमले हैं।
          जगह के बच्ों को हमने यह कला दस्खाई   कतिक पि दकताब बनाने पि इटली से
          है। कोद्ड के समय मैंने केिल के बच्ों   अंतििा्ट्ीय अ्ाॅड्ड दमला है। मधय प्िेश
          को ऑनलाइन भी दस्खाया। मुमबई औि    सिकाि द्ािा मुझे बाँस की कहानी के
          िेन्नई के कॉलेज के बच्ों को भी मैं यह   दलए भी अ्ाड्ड दमला है। मेिी कला को
          कला  दस्खा  िही  हँ,  दजससे  कॉलेज  के   सममादनत किते हुए मुझे 2022 में पद्मश्री
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          बच् कािी ्खुश हैं। मैं औि मिे पदत जहा  ँ  से सममादनत दकया गया।



































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