Page 33 - Mann Ki Baat - Hindi
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का प्िाि किने के दलए प्धानमंत्ी निनद्र यात्ा, िाि धाम यात्ा औि अमिनाि
मोिी ने द््् नेता बनने की भाित की यात्ा, उन कई यात्ाओं में से कुछ हैं, जो
यात्ा में उसकी कालातीत द्िासत को भाितीय उपमहाद्ीप में अतयंत श्रद्ा के
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संिदक्त किने के महत्् को ि्खांदकत तीि्व सिलों पि समापत होती हैं। सिकाि
किते हुए, ‘द्कास भी, द्िासत भी’ का ने आसिा की इन कदठन यात्ाओं पि
सप्ट आह्ान दकया। उनहोंने नागरिकों जाने ्ाले तीि्वयादत्यों की सुद्धा के
से पंि प्ण लेकि िा्ट् की पहिान दलए औि उनहें आननि तिा उललास
तिा एकता को बढ़ा्ा िेने का आग्रह का अनुभ् किाने के दलए द्दभन्न
दकया औि उनहें अपनी जड़ों के साि परियोजनाएँ शुरू की हैं, जैसे प्साि
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मज़बूती से जुड़े िहने औि औपदन्दशक योजना (स्िेश िश्वन औि तीि्वयात्ा
मानदसकता को तयागने पि अपनी कायाकलप औि आधयाशतमक, द्िासत
ऊजा्व करेंदद्रत किने के दलए प्ोतसादहत सं्ध्वन अदभयान), िाि धाम सड़क
दकया। इससे प्रित होकि िेश भि से परियोजना, महाकाल लोक कॉरिडोि,
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लोग भाित की सांसकृदतक समृदद् को काशी द्््नाि कॉरिडोि, बुद् तिा जैन
पुनजनीद्त किने औि प्िारित किने के सदक्फट। सामूदहक सांसकृदतक जागृदत
दलए एक साि आ िहे हैं। इसे सिकाि को सक्म किने के अला्ा ऐसी पहल
द्ािा की गई द्दभन्न पहलों से भी आदि्वक पुनद्कास भी सुदनश्ित कि
्व
समि्वन दमल िहा है। िही है। सिकाि ने भाितीय तीि्वयादत्यों,
भाितीय द्िासत का एक अदन्ाय्व द्शेर रूप से मेहिाम के दबना हज पि
दहससा, यात्ाएँ या तीि्वयात्ाएँ हैं, जहाँ जाने ्ाली मदहला तीि्वयादत्यों के दलए
ला्खों भकत न के्ल भाित की हज यात्ा को अदधक आिामिायक,
आधयाशतमक पिमपिा को जीद्त ि्खने सुद्धाजनक औि दकफ़ायती बनाने के
के दलए, बशलक अपनी आसिा औि भशकत
को मज़बूत किने के दलए भी यात्ा
पि दनकलते हैं। िि यात्ा, काँ्ड़
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