Page 43 - MANN KI BAAT (Hindi)
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पुष्करम महोतसव

          भारत में हर 12 साल में एक बार पुष्करम
          मना्ा जाता ह। ्ह 12 पदवत्र नदि्ों की
                    रै
                               रै
          पूजा करन के दलए समदप्वत ह। ्बे नदि्ाँ
                 बे
          हैंः गगा, ्मुना, गोिावरी, ककृष्णा, कावरी,
                                     बे
             ां
          भीमा, तापती, नम्विा, सरसवती, तुगभद्रा,
                                  ां
          दसांधु और प्ाणदहता।
             ां
                           बे
            गगा सागर मला
                                       गगासागर मला भारत के पकशचम बगाल में सागर
                                                बे
                                        ां
                                                                ां
                                                        ां
                                       विीप पर गगा निी और बगाल की खाडी के दमलन
                                              ां
                                       दबन्िु पर आ्ोदजत दक्ा जान वाला एक वादर्वक
                                                             बे
                                                                    बे
                                       दहन्िू त्ोहार और तीि्व्ात्रा ह। कुमभ मल के बाि
                                                                  बे
                                                            रै
                                             ां
                                       पदवत्र सगम पर भकतों का ्ह िूसरा सबस बडा
                                                                     बे
                                       जमावडा ह। रै
                                                       छठ पूजा
                                   रै
       छठ पूजा एक प्ाचीन दहन्िू त्ोहार ह। ्ह
       सू््व िबेव और उनकी पत्नी उरा, दजन्हें छठी
       मरै्ा के नाम स भी जाना जाता ह, की पूजा
                               रै
                  बे
       के दलए समदप्वत ह। ्ह मुख् रूप स भारत
                    रै
                                  बे
       के  दबहार,  झारखड  और  पूवजी  उत्तर  प्िबेश
                    ां
       राज्ों के साि-साि नपाल के मधश क्षबेत्र में
                                बे
                        बे
                  रै
       मना्ा जाता ह।
            गगा िशहरा
              ां
                                                                     बे
                                                          ां
                                         ां
                                        गगा िशहरा पदवत्र निी गगा के सवग्व स पृथवी
                                                            रै
                                        पर अवतरण का उतसव ह। ्ह दहन्िू महीन  बे
                                        ज्बेष्ठ (मई-जून) में बढ़त चद्रमा के िसवें दिन
                                                            ां
                                                          बे
                                        (िशमी) मना्ा जाता ह। इसमें भकत पदवत्र गगा
                                                        रै
                                                                       ां
                                                   बे
                                                     रै
                                        में डुबकी लगात ह। उनका मानना   ह दक इसस  बे
                                                                  रै
                                        पाप धुल जात हैं और मोक्ष दमलता ह। रै
                                                  बे
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