Page 25 - MANN KI BAAT (Hindi)
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है। खिखभन्न ऐखतहाखसक, सामाखजक और खिशा में पहला काय्ष 1946 में संखिधान सभा
राजनीखतक संगठनों के संयुकत प्रयासों की सथापना के साथ शुरू हुआ। यह सभा
से खकया गया इसका खनमा्षण, िेश के प्रांतों, ररयासतों और अनय क्षेत्रों से चुने
आधुखनक इखतहास की सबसे महत्िपूण्ष गए प्रखतखनखधयों से बनी थी और इसकी
उपलक्धयों में से एक है। संक्षेप में, प्राथखमक खजममेिारी नए सितंत्र राषट्र के
यह इस सतय का प्रतीक है खक भारत खलए संखिधान तैयार करना था। संखिधान
सभयतागत रूप से लोकतांखत्रक है और सभा को भारत के सभी नागररकों के
खिखिधता के साथ सामंजसय रिता है। खलए मौखलक अखधकारों और सितंत्रता
संखिधान का मसौिा तैयार करने की सुरक्षा सुखनकशचत करते हुए खिखिध
की प्रखरिया िो साल, गयारह महीने और जातीय, भाषाई और धाखम्षक समूहों के
अट्ारह खिनों से अखधक समय तक बीच सामंजसय सथाखपत करने का कखठन
चली। यह संिैधाखनक इंजीखनयररंग का काय्ष सौंपा गया था।
एक असाधारण काय्ष था, खजसे भारत भारतीय संखिधान के खनमा्षण में
की संखिधान सभा, खजसे सितंत्रता के बाि सबसे महत्िपूण्ष वयककतयों में से एक डॉ.
िेश के कानून को तैयार करने का काय्ष बी.आर. अामबेडकर थे, खजनहोंने मसौिा
सौंपा गया था, ने अंजाम खिया था। सखमखत के अधयक्ष के रूप में काय्ष
महातमा गाँधी, जिाहरलाल नेहरू, खकया। उनका नेतृति और िूरिखश्षता
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सरिार पटेल और डॉ. बी.आर. अामबडकर अंखतम िसतािेज को तैयार करने में
जैसे अनुकरणीय वयककतयों के नेतृति महत्िपूण्ष थी। हाखशए पर पड़े समूहों के
में भारतीय सितंत्रता आिोलन ने एक अखधकारों के खलए डॉ. अामबेडकर का
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ऐसे सखिधान का आधार तैयार खकया समथ्षन संखिधान के सामाखजक नयाय,
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जो भारत के मूलयों, आकाक्षाओं और सकारातमक कार्षिाई और असपृशयता
ऐखतहाखसक अनुभिों को प्रखतखबकमबत के उनमूलन के प्रािधानों में पररलखक्षत
कर सके। 1947 में सितंत्रता प्रापत करन े हुआ।
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के बाि भारत पररित्षन की कसथखत में था इसके अखतररकत, सखिधान न े
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और औपखनिखशक शासन, सिशासन का समानता, सितंत्रता और बंधुति के खसद्धातों
माग्ष प्रशसत कर रहा था। सभी नागररकों को प्रखतकषठत खकया जो भारतीय समाज के
के खलए नयाय, समानता और सितंत्रता खिखभन्न िगशों के सामने आने िाली लमब े
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सखनकशचत करने के खलए भारतीय राषट्र को समय से चली आ रही सामाखजक और
खकस तरह से सबसे बेहतर ढंग से संरखचत राजनीखतक असमानताओं को िूर करन े
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खकया जाए, यह प्रश्न गमभीर खचंता का में महत्िपण्ष थे। जैसा खक डॉ. अामबडकर
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खिषय बन गया था। ने 25 निमबर, 1949 को सखिधान सभा
भारतीय संखिधान को बनाने की में संखिधान पर चचा्ष का सारांश प्रसतुत
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