Page 21 - MANN KI BAAT (Hindi)
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जैसे सामाखजक मुद्ों का समाधान भाषणों में अकसर लोकतांखत्रक खसद्धांतों
करने की खहमायत की और मखहलाओं और समान अखधकारों पर आधाररत एक
के खलए मतिान के अखधकार की संगखठत राषट्र के महत्ि पर प्रकाश डाला
मांग की। उनहोंने इस बात पर जोर जाता था।
ं
खिया खक सखिधान मौखलक अखधकारों बेगम ऐजाज रसूल संखिधान सभा
ं
और खनिदेशक खसद्धातों के सतमभों पर की एकमात्र मुकसलम
खटका है, जो मखहलाओं के खलए पूजा मखहला सिसय थीं।
की सितंत्रता और समान अखधकार उनहोंने अपना पहला
ु
सखनकशचत करता है। चुनाि जीतने के खलए
एनी मैसकरेन ररयासतों को भारत 1937 में पिा्ष प्रथा
में एकीकत करने को तयाग खिया। मखहला िेलों की एक
कृ
के आंिोलन में उतसाही समथ्षक होने के नाते उनहोंने
उनकी भूखमका एक मखहला हॉकी को लोकखप्रय बनाने में
प्रमुि नेता की थी। महत्िपूण्ष भूखमका खनभाई।
िह त्रािणकोर राजय िगा्षबाई िेशमुि एक समाज
ु
कांरिेस में शाखमल होने िाली पहली सुधारक और सितंत्रता
ं
मखहलाओं में से थीं और बाि में खहिू कोड सेनानी थीं, खजनहोंने
खबल के खलए संखिधान सभा की चयन महातमा गाँधी के
सखमखत में शाखमल हुईं। िह केरल से नमक सतयारिह में
सांसि बनने िाली पहली मखहला थीं। सखरिय रूप से भाग
िखक्षणायनी िेलायुधन संखिधान सभा खलया और खब्खटश अखधकाररयों द्ारा
में एकमात्र अनुसूखचत कई बार जेल भेजी गईं। उनहोंने खििेशों
जाखत की मखहला थीं में पाररिाररक नयायालयों की प्रणाखलयों
खजनहोंने भारत के का अधययन करने के बाि भारत में भी
सभी नागररकों के इसी तरह की वयिसथा लागू करने की
खलए सममान तथा आिशयकता पर ज़ोर खिया।
समानता की आिशयकता पर जोर खिया हंसा जीिराज मेहता मखहला
और जाखत-आधाररत भेिभाि छोड़कर अखधकारों के खलए प्रखतबद्ध िकील थीं,
आगे बढ़ने का आरिह खकया। उनके खजनहोंने संयुकत राषट्र में मानिाखधकारों
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