Page 42 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
P. 42

ई-संजरीवनरी


                                े
           स्वस्थ भारत क भलए एक डडसजटल वरदान




            देश  के  सामान्य  मानव  के  प्ए,   कोपवड-19  महामारी  के  कारण
        मध्यम  वग्म  के  प्ए,  िहाड़ी  क्ेत्रों  में   दुपन्या  भर  में  हेलथके्यर  से्टर  में
                                               ू
        रहने वा्ों के प्ए, ई-संजीवनी जीवन   अभूतिव्म चुनौपत्याँ सामने आई हैं और
        रक्ा करने वा्ा ऐि बन रहा है... इस   दुपन्या भर में हेलथके्यर के तरीकों में
                                
        ऐि का उि्योग करके अब तक टे्ी-     का़फी बद्ाव भी आ्या है, हा्ाँपक भारत
        कंसलटेशन करने वा्ों की संख्या 10   ने िह्े ही अिनी प्मुख िह् ‘पडपजट्
        करोड़ को िार कर गई है। ्ये है भारत   इंपड्या’  के  माध्यम  से  पडपजट्
                                          ट्ांस़फॉममेशन के प्ए ज़मीनी सतर िर
        की पडपजट् क्ांपत की शक्त।
                                          काम  पक्या  था।  इसके  िररणामसवरूि
                    -प्धानमंत्री नरेनद् मोदी   शीघ्र ही आरोग्य सेतु और Co-WIN जैसे
             (‘मन की बात’ के समबोधन में )  ऐि को ्ॉनच करना समभव हो िा्या। इन
                                          ऐपस ने ्ोगों को संक्मण के जोपखम
                                          का  आक्न  करने  में  सक्म  बना्या
                                          और  दुपन्या  के  सबसे  बड़े  टीकाकरण
                                          अपभ्यान को बढ़ावा पम्ा। ठीक उसी
                                          सम्य  देश  ने  दुपन्या  के  सबसे  बड़े
                                          सरकार  द्ारा  संचाप्त  टे्ीमेपडपसन
                                          प्ट़फॉम्म  ई-संजीवनी  को  ्ॉनच  करने
                                            े
                                          का फैस्ा पक्या और सवास्थ्य ररकॉड्ड
         “प्धानमंत्री  नरेनद्  मोदी  द्ारा   के पडपजट्ीकरण के क्त्र में भी तेज़ी से
                                                            े
         ई-संजीवनी  का  उल्ख  करने  से    प्गपत की।
                          े
         ऐि  के  बारे  में  अपधक  जानकारी    ई-संजीवनी  को  नवमबर,  2019  में
         प्ापत करने और इसके उि्योग को     सवास्थ्य  एवं  िररवार  कल्याण  मंत्रा््य
         बढ़ाने  में  मदद  पम्ेगी।  जैसे-जैसे   द्ारा  ्ॉनच  पक्या  ग्या  था।  राष्ट्ी्य
         अपधक ्ोग ऐि के ्ाभों के बारे में   टे्ीमेपडपसन सेवा के माध्यम से डॉ्टरों
         जागरूक होंगे, इससे पवशवास और     को दूर-दराज़ के इ्ाकों से मरीज़ों को
         सवीककृपत बढ़ेगी।”                 मेपडक्  कंसलटेशन  प्दान  करने  की
                     -डॉ. रणदीि गु्ेरर्या     सुपवधा पम्ती है और इससे मरीज़ों को
              आंतररक पचपकतसा के अध्यक्,   बार-बार असिता् जाने की आवश्यकता
                                          नहीं होती है। ई-संजीवनी सेवा दो रूिों,
              मेदांता और िव्म पनदेशक, एमस
                        ू
                                          ्यानी  ई-संजीवनी  आ्यष्मान  भारत
                                                             ु
                                      38
                                      38
   37   38   39   40   41   42   43   44   45   46   47