Page 41 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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उस्ाद बबस्मिल्ाह खान युवा पुरस्ार

                           युवाओं क ललए प्राेत्ाहन
                                      े



              हमारी  जो  िारमिररक  क्ाए  ँ  की  प्ेरणा  पम्ेगी।  जब  हम  उस  उम्र
          हैं,  ़खास  करके  दश्मन  क्ाएँ,  पजसमें   में थे तो हमारे प्ए ऐसे कोई िुरसकार
          पफ़्ोसॉ़फी है, सकलिचर है, िेंपटंग है,   नहीं थे और हमें तिस्या, साधना और
          हमारे  उतसव  हैं,  हमारी  बुनाई-कढ़ाई,   मेहनत से अिना सथान बनाना िड़ा—
          नृत्य, संगीत और हमारे सापहत्य हैं, ्य  े  अिने  समाज  में,  भारत  व््म  में  और
                    ु
          सभी इतने जड़े हुए हैं। अब ्ोगों को   पवशव में। मुझे ्गता है पक आज की
          वह बात समझ आ रही है, पजसको मैंने   ्युवा  िीढ़ी  को,  जो  टेक्ो्ॉपजक्ी
          व्षों  िह्े  नृत्य  ्योग  कहा  था।  हमारे   सक्म है, जो सोश् मीपड्या िर छाई
                                     ू
          नटराज की जो कलिना है, उनकी मपत्म   रहती है, साथ ही तिस्या, साधना और
          है, वह एक ्योगी की है, ्पकन वह ्योग   िररश्म के मूल्य को नज़रअंदाज़ नहीं
                             े
              े
          डा्यनपमक है। ्योग को ्ोग समझत  े  करती, ्यह िुरसकार उनहें और उतसाह
          हैं पक आि बैठ के आसन मात्र करो,    से भर देगा।
          वो  तो  है  ही,  ््योंपक  वह  शुरुआत    ‘मन  की  बात’  में  इतनी  देर
                                                                    ं
          है,  िर  आि  जैसे-जैसे  आगे  बढ़त  े  तक  इस  पव््य  में  प्धानमत्री  का
          हैं,  हमारा  नृत्य  हमें  हमारे  िूर  े  बात  करना  क्ाकारों  की  और
          अकसततव से जोड़ता है। आि                 उनके क्ा के क्ेत्र की हौस्ा
          हमारे जनजापत्यों के नृत्य                  अफ़ज़ाई  करता  है।  क्ा
          देख  ्ीपजए,  हमारे  ्ोक                       क्ेत्रों  को  िुनजजीवन
          नृत्य देख ्ीपजए, ्या हमार  े                   देने में प्धानमत्री के
                                                                    ं
          संगीत  सुनें  –  इनके  साथ                     का्य्मक्म  ‘मन  की
          हमारी िूरी चेतना है, जो नृत्य                बात’ और इस िुरसकार
          करती है। ्यह सभी पवशव को                का बहुत बड़ा ्योगदान है और
          मंत्रमुगध कर देती है और ्यही             आज  के  ्युवा  क्ाकार  भी
          हमारी संसककृपत का आक््मण                 इसकी कीमत समझते हैं।
          है।
              उसताद  पबकसमल्ाह                          सोन् मानपसंह
          ़खान   ्युवा   िुरसकार                      भारती्य शासत्री्य नृत्यांगना,
          क्ाकारों  की  साधना,                           राज्य सभा सांसद
          तिस्या   और    िररश्म
          का  फ्  है।  इससे  उनहें                    प्पसधि ओपडसी
                                                      नृत्यागना, सोन्
                                                        ं
          प्ोतसाहन   और     अिन  े                    मानपसंह के पवचार
          क्ातमक  क्त्र  में  आगे  बढ़न  े             जानने के प्ए QR
                    े
                                                      कोड सकैन करें
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