Page 39 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
P. 39
को सव्यं राष्ट् के नेता ने मान्यता दी है। संगीतकार हों, नत्मक हों, ििेट्ी मासटर
करकट्म, िेररनी ओपडसी जैसे कई हों, उन सभी क्ाकारों को प्ोतसाहन
्ोक नृत्य और मैतेई िुंग जैसे अन्य देकर िरफॉममेंस पकए जा रहे हैं। उसताद
ं
वाद्य ्यत्रों को ‘मन की बात’ में जगह पबकसमल्ाह ़खान ्युवा िुरसकार से भी
पम्ी। आज देश भर के ्युवा क्ाकारों उन क्ाकारों को, जो दो-तीन दशकों से
े
में अिने-अिने क्त्र में आगे बढ़ने का अिनी क्ा के साथ जुड़े हैं और आगे
उतसाह हम देख सकते हैं। मुझे ्ोगों बढ़ रहे हैं, प्ोतसाहन पम् रहा है। इन
के ढेरों सनदेश पम्े हैं और उनहोंने मुझे सब के कारण हमारी ्युवा िीढ़ी पवज्ाान,
कहा पक मैं प्धानमंत्री को ‘मन की बात’ गपणत और इंजीपन्यररंग के साथ-साथ
में उन सभी के नाम का उल्ख करने अिनी क्ातमक धरोहर को सँजो के
े
के प्ए आभार व्य्त करूँ। आगे बढ़ रही है।
प्धानमंत्री का दूसरा प्ण ्यह था हमारे शासत्रों में कहा ग्या है पक
कृ
कृ
पक भारत के पवकास में ्युवा िीढ़ी का ‘नृत्यम संसकपत वध्मनम’ - संसकपत
्योगदान रहे और वे िूरी तरह से इस और संसकार का संवध्मन और जतन
्क््य में जुड़ें। हमारी सॉ़फट िावर करने का का्य्म सभी क्ाएँ करती हैं।
्
कृ
हमारी संसकपत है और अगर हमें इस इसके साथ-साथ सत पचत्त आननद ्यानी
िावर को आगे ्ेकर जाना है तो हमारे ब्रह्ानंद की प्ाकपत होती है, ््योंपक हम
्युवाओं को इसके साथ जुड़ना िड़ेगा। दूसरों के प्ए नहीं नाचते, हम दूसरों के
इसी वजह से संगीत नाटक अकादमी ने प्ए नहीं गाते, हम वह अिनी आतमा
अमृत ्युवा क्ा महोतसव का आ्योजन के प्ए करते हैं। इसप्ए हम समिूण्म
पक्या। इसके अंतग्मत 75 पदनों के प्ए साधना करते हैं। हर भारती्य क्ा
े
75 जगहों में ्युवा क्ाकारों के प्ए ‘कम्मण्येवापधकारसते मां फ््ु कदाचन’
का्य्मक्म आ्योपजत हो रहे हैं। इसमें, की भावना को प्ोतसापहत करती है।
चाहे वे पकसी जनजापत से हों, चाहे वे ्ोक इनसान को कम्म करते रहना चापहए
35
35