Page 11 - MAN KI BAAT HINDI
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कारण से ये चीज़ हो पाया। देता हँ। अफभजीतजी धनय्ादजी और
प्धानमंत्ीजी : फकतने लोगों को आपके फपताजी को हमारा प्णाम जरूर
काम आया अंग ? कह देना।
अफभजीतजी : इनका हाट्ट, दो अफभजीतजी : जरूर-जरूर, थैंक
फकडनी, ली्र और दोनों आँख, य े यू।
डोनेशन हुआ था तो चार लोगों की जान प्धानमंत्ीजी : साफथयो, 39 फदन की
और दो जनों को आँख फमला है। अबाबत कौर हो या 63 ्षचा की स्ेहलता
प्धानमंत्ीजी : अफभजीतजी, चौधरी, इनके जैसे दान्ीर, हमें जी्न
आपके फपताजी और माताजी दोनों का महत्् समझाकर जाते हैं। हमारे देश
नमन के अफधकारी हैं। मैं उनको प्णाम में आज बड़ी संखया में ऐसे ज़रूरतमंद
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करता हँ और आपके फपताजी ने इतन े हैं, जो स्सथ जी्न की आशा में फकसी
बड़े फनणचाय में, आप परर्ार जनों का ऑगचान डोनेट करने ्ाले का इंतज़ार
नेतृत् फकया, ये ्ाकई बहुत ही प्रक ह ै कर रहे हैं। मुझे संतोष है फक अंगदान को
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और मैं मानता हँ फक माँ तो माँ ही होती आसान बनाने और प्ोतसाफहत करने के
है। माँ एक अपने आप में प्रणा भी होती फलए पूरे देश में एक जैसी पॉफलसी पर भी
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है, लफकन माँ जो परमपराएँ छोड़ कर काम हो रहा है। इस फदशा में राजयों के
के जाती हैं, ्ो पीढ़ी-दर-पीढ़ी, एक बहुत डोफमफसल की शतचा को हटाने का फनणचाय
बड़ी ताकत बन जाती हैं। अंगदान के भी फलया गया है, यानी अब देश के फकसी
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फलए आपकी माताजी की प्रणा आज भी राजय में जाकर मरीज़ ऑगचान प्ापत
पूरे देश तक पहँच रही है। मैं आपके इस करने के फलए रफजसटर कर्ा पाएगा।
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पफ्त् कायचा और महान कायचा के फलए सरकार ने ऑगचान डोनेशन के फलए 65
आपके पूरे परर्ार को बहुत-बहुत बधाई ्षचा से कम आयु की आयु-सीमा को
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