Page 7 - MAN KI BAAT HINDI
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प्धानमंत्ीजी : सत श्ी अकालजी,   उसको  फर्ाइ्  कर्ाया  जाए।  अगर
          सत श्ी अकालजी, सुखबीरजी मैं आज    छह महीने के आस-पास बच्ा चला जाए
          ‘मन की बात’ के समबनध में सोच रहा   तो  उसका  आॅपरेशन  करने  की  सोची
                                                        े
          था तो मुझे लगा फक अबाबत की बात    जा सकती थी, लफकन भग्ान को कुछ
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          इतनी प्ेरक है, ्ो आप ही के मँह से सुनँ,  ू  और मंजूर था। उनहोंने के्ल 39 डेज़ की
          ्योंफक घर में बेटी का जनम जब होता ह  ै  जब हुई, तब डॉ्टर ने कहा फक इसको
          तो अनेक सपने, अनेक खफशयाँ लेकर    दोबारा फदल का दौरा पड़ा है, अब उममीद
                              ु
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          आता है, लफकन बेटी इतनी जलदी चली   बहुत कम रह गई है, तो हम दोनों फमयाँ–
                                                                     ु
          जाए,  ्ो  कषट  फकतना  भयंकर  होगा,   बी्ी रोते हुए इस फनणचाय पर पहँचे फक
                                      ू
          उसका  भी  मैं  अंदाज़  लगा  सकता  हँ।   हमने देखा था, उसको बहादुरी से जूझत  े
          फजस प्कार से आपने िैसला फलया, तो   हुए बार-बार ऐसे लग रहा था, जैसे अब
                                                        े
          मैं सारी बात जानना चाहता हँ जी।   चली जाएगी, लफकन फिर फर्ाइ् कर
                               ू
              सुखबीरजी : सर भग्ान ने बहुत   रही थी तो हमें लगा फक इस बच्े का
          अचछा  बच्ा  फदया  था  हमें,  बहुत  पयारी   यहाँ आने का कोई मकसद है तो उनहोंन  े
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          गफड़या हमारे घर में आई थी। उसके पैदा   जब फबलकुल ही ज्ाब दे फदया तो हम
          होते ही हमें पता चला फक उसके फदमाग   दोनों ने फडसाइड फकया फक ्यों न हम
          में  एक  ऐसा  नाफड़यों  का  गुचछा  बना   इस बच् के ऑगचान डोनेट कर दें। शायद
                                                  े
          हुआ  है,  फजसकी  ्जह  से  उसके  फदल   फकसी  और  की  फज़नदगी  में  उजाला
          का आकार बड़ा हो रहा है, तो हम हैरान   आ जाए, फिर हमने पीजीआई का जो
          हो गए फक बच्े की सेहत इतनी अचछी   एडफमफनसट्ेफट् बलॉक है, उनसे समपकफ़
          है, इतना खूबसूरत बच्ा है और इतनी   फकया और उनहोंने हमें गाइड फकया फक
          बड़ी समसया लेकर पैदा हुआ है तो पहल  े  इतने छोटे बच् की के्ल फकडनी ही ली
                                                       े
          24 फदन तक तो बहुत िीक रहा बच्ा,   जा सकती है। परमातमा ने फहममत दी,
          फबलकुल नामचाल रहा। अचानक उसका     गुरु नानक साहब का िलसिा है, इसी
          फदल एकदम काम करना बंद हो गया,     सोच से हमने फडफसज़न ले फलया।
          तो हम जलदी से उसको हॉससपटल लेके
          गए। ्हाँ डॉ्टरों ने उसको फर्ाइ् तो
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          कर  फदया,  लफकन  समझने  में  टाइम
          लगा  फक  इसको  ्या  फद्कत  आई,
          इतनी बड़ी फद्कत फक छोटा सा बच्ा
          और अचानक फदल का दौरा पड़ गया तो
          हम  उसको  इलाज  के  फलए  पीजीआई
          चंडीगढ़  ले  गए।  ्हाँ  बड़ी  बहादुरी  स  े
          उस बच्े ने इलाज़ के फलए संघषचा फकया,
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          लफकन  बीमारी  ऐसी  थी  फक  उसका
          इलाज़ इतनी छोटी उम्र में समभ् नहीं
          था।  डॉ्टरों  ने  बहुत  कोफशश  की  फक


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