Page 8 - MAN KI BAAT HINDI
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बहुत बड़ा है जी।
सुप्ीतजी : सर ये भी गुरु नानक
बादशाह जी की शायद बखशीश थी
फक उनहोंने फहममत दी ऐसा फडफसज़न
लेने में।
प्धानमंत्ीजी : गुरुओं की कृपा के
फबना तो कुछ हो ही नहीं सकता जी।
सुप्ीतजी : फबलकुल सर, फबलकुल।
प्धानमंत्ीजी : सुखबीरजी जब आप
असपताल में होंगे और ये फहला देने ्ाला
समाचार जब डॉ्टर ने आपको फदया,
उसके बाद भी आपने स्सथ मन स े
आपने और आपकी श्ीमती जी ने इतना
बड़ा फनणचाय फकया, गुरुओं की सीख तो ह ै
ही है फक आपके मन में इतना बड़ा उदार
फ्चार और सचमुच में अबाबत का जो
अथचा सामानय भाषा में कहें तो मददगार
होता है। ये काम कर फदया, ये उस पल
को मैं सुनना चाहता हँ।
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सुखबीरजी– सर ए्चली हमारी
ु
एक िैफमली फ्रेंड हैं फप्याजी। उनहोंन े
प्धानमंत्ीजी : गुरुओं ने जो फशक्ा अपने ऑगचान डोनेट फकए थे, उनस े
दी है जी, उसे आपने जीकर के फदखाया भी हमें प्रणा फमली, तो उस समय तो
े
है जी। सुप्ीतजी हैं ्या? उनसे बात हो हमें लगा फक शरीर जो है, पंच तत्ों में
सकती है ? फ्लीन हो जाएगा। जब कोई फबछड़
सुखबीरजी : जी सर। जाता है, चला जाता है, तो उसके शरीर
सुप्ीतजी : हेललो। को जला फदया जाता है या दबा फदया जाता
े
प्धानमंत्ीजी : सुप्ीतजी मैं आपको है, लफकन अगर उसके ऑगचान फकसी के
प्णाम करता हँ। ू काम आ जाएँ, तो ये भले का ही काम ह ै
सुप्ीतजी : नमसकार सर, नमसकार और उस समय हमें और ग्चा महसूस
सर। ये हमारे फलए बड़ी ग्चा की बात ह ै हुआ, जब डॉ्टसचा ने ये बताया हमें फक
ं
फक आप हमसे बात कर रहे हैं। आपकी बेटी, इफडया की यंगेसट डोनर
प्धानमंत्ीजी : आपने इतना बड़ा बनी है, फजसके ऑगचान स्ससिुली
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काम फकया है और मैं मानता हँ देश य े ट्ॉनसपलाट हुए, तो हमारा फसर ग्चा स े
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सारी बातें जब सुनेगा तो बहुत लोग ऊूँचा हो गया, फक जो नाम हम अपन े
फकसी की फज़नदगी बचाने के फलए आग े पैरेंट स का, इस उम्र तक नहीं कर पाए,
्
आएँगे। अबाबत का ये योगदान है, य े एक छोटा-सा बच्ा आ के इतने फदनों में
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