Page 9 - Mann Ki Baat - Hindi
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हर ज़ररी सहायता उपल्ध कराने में
                                             ु
                                            ज्े हैं। भारत को ्ीबी मुकत बनाने की
                                                                ु
                                            मफहम में हमारे बच्े और य्ा सािी भी
                                             ु
                                            पी्े नहीं हैं। फहमाचल प्देश के ऊना की
                                                     े
                                            7 साल की ब्ी नफलनी फसंह का कमाल
                                             े
                                            दफिए।  फबफ्या  नफलनी  अपनी  पॉके्
                                            मनी से ्ीबी मरीज़ों की मदद कर रही
                                            है।  आप जानते हैं फक बच्ों को ग्लक
                                                                     ु
                                            से फकतना पयार होता है, लफकन MP के
                                                                े
                                            क्नी फज़ले की 13 साल की मीनाक्ी
                                            और पक्चम बंगाल के डायमंड हाब्दर
                                                              ु
                                            के 11 साल के ब््र मिजजी, दोनों ही
                                            कु् अलग ही बच्े हैं। इन दोनों बच्ों
                                            ने अपने ग्लक के पैसे भी ्ीबी मुकत
                                                    ु
                                            भारत के अफभयान में लगा फदए हैं। ये
                                            सभी उदाहरण भा्ुकता से भरे होने के
                                                       े
                                            साि ही बहुत प्रक भी हैं। कम उम्र में
          फमत्ों ने। मुझे िुशी है फक देश के कई   बड़ी सोच रिने ्ाले इन सभी बच्ों की
          सरपंचों ने, ग्ाम प्धानों ने भी ये बीड़ा   मैं हृदय से प्शंसा करता हँ। ू
          उिा फलया है फक ्ो अपने गा् में ्ीबी
                                ँ
          को समापत करके ही रहेंगे।             मेरे  पयारे  देश्ाफसयो,  हम
                             ँ
              नैनीताल के एक गा् के फन-क्य   भारत्ाफसयों का स्भा् होता है फक हम
                               े
          फमत् श्ीमान दीकर फसंह म्ाड़ी जी न  े  हमेशा नए फ्चारों के स्ागत के फलए
                                                                        े
          ्ीबी के ्ह मरीज़ों को गोद फलया है।   तैयार रहते हैं। हम अपनी चीज़ों से प्म
          ऐसे ही फकन्नौर की एक ग्ाम पंचायत   करते हैं और नई चीज़ों को आतमसात
          के प्धान फन-क्य फमत् श्ीमान ज्ाान फसंह   भी  करते  हैं।  इसी  का  एक  उदाहरण
          जी भी अपने ्लॉक में ्ीबी मरीज़ों को   है–  जापान  की  तकनीक  फमया्ाकी।




















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