Page 11 - Mann Ki Baat - Hindi
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तैयार फकया जा रहा है। फप्ले चार साल एक कमाल कर फदिाया है। बारामूला
में मुमबई और उसके आस-पास के में िेती-बाड़ी तो काफ़ी समय से होती
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इलाकों में ऐसे 60 से ज़यादा जंगलों पर है, लफकन यहाँ दूध की कमी रहती िी।
काम फकया गया है। अब तो ये तकनीक बारामूला के लोगों ने इस चुनौती को
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पूरी दफनया में पसंद की जा रही है। एक अ्सर के रप में फलया। यहाँ बड़ी
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फसंगापुर, पेररस, ऑसट्रेफलया, मलफशया संखया में लोगों ने डेयरी का काम शर
जैसे फकतने ही देशों में इसका बड़े पैमान े फकया। इस काम में सबसे आगे यहाँ की
पर उपयोग हो रहा है। मैं देश्ाफसयों से, मफहलाएँ आईं, जैसे फक एक बहन हैं–
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िासकर, शहरों में रहने ्ाले लोगों स े इशरत नबी। इशरत, ग्जुए् हैं और
ु
आग्ह करूँगा फक ्े फमया्ाकी पद्धफत इनहोंने ‘मीर फसस्स्द डेयरी िाम्द’ शर
के बारे में ज़रर जानने का प्यास करें। फकया है। उनके डेयरी िाम्द से हर फदन
इसके ज़ररए आप अपनी धरती और करीब डेि-सौ ली्र दूध की फबक्री हो
प्कृफत को हरा-भरा और स्च् बनान े रही है। ऐसे ही सोपोर के एक सािी हैं -
में अम्य योगदान दे सकते हैं। ्सीम अनायत। ्सीम के पास दो दज्दन
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से ज़यादा पशु हैं और ्ो हर फदन दो-सौ
मेरे पयारे देश्ाफसयो, आजकल ली्र से ज़यादा दूध बेचते हैं। एक और
ु
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हमारे देश में जमम-क्मीर की िूब चचा्द य्ा आफबद हुसैन भी डेयरी का काम
होती है। कभी बिते पय्द्न के कारण, कर रहे हैं। इनका काम भी िूब आग े
तो कभी G20 के शानदार आयोजनों के बि रहा है। ऐसे लोगों की मेहनत की
कारण। कु् समय पहले मैंने ‘मन ्जह से ही आज बारामूला में हर रोज
की बात’ में आपको बताया िा फक सािे 5 लाि ली्र दूध उतपादन हो रहा
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कैसे क्मीर के ‘नादर’ देश के बाहर है। पूरा बारामूला, एक नई ््त क्रांफत
भी पसंद फकए जा रहे हैं। अब जमम- ू की पहचान बन रहा है। फप्ले ढाई-तीन
ू
क्मीर के बारामूला फज़ले के लोगों न े ्रषों में यहाँ 500 से ज़यादा डेयरी यफन्
बारामूला
नई श्वेत काांतत
का प्रतीक
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