Page 7 - Mann Ki Baat - Hindi
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रही है, तो मैं आज ्त्पफत फश्ाजी
महाराज को भी याद करूँगा। ्त्पफत
फश्ाजी महाराज की ्ीरता के साि
ही उनकी ग्न्दमें् और उनके प्बनध
कौशल से भी बहुत कु् सीिने को
फमलता है, फ्शरकर जल-प्बनधन और
े
नौसेना को लेकर ्त्पफत फश्ाजी
महाराज ने जो काय्द फकए, ्ो आज भी
भारतीय इफतहास का गौर् बिाते हैं।
उनके बनाए जलदग्द इतनी शताक्दयों
ु
बाद भी समनदर के बीच में आज भी
शान से िड़े हैं। इस महीने की शुरुआत
में ही ्त्पफत फश्ाजी महाराज के
राजयाफभरेक के 350 ्र्द पूरे हुए हैं।
इस अ्सर को एक बड़े प््द के रप में
मनाया जा रहा है। इस दौरान महाराष्ट्र
के रायगि फकले में इससे जुड़े भवय
फिर से सजी् करने की िानी। लोगों काय्दक्रमों का आयोजन फकया गया।
ू
के सामफहक प्यास से अब ‘नीम नदी’
फिर से जी्ंत होने लगी है। नदी के
मृ
उदगम सिल को अमत सरो्र के तौर
भी फ्कफसत फकया जा रहा है।
साफियो, ये नदी, नहर, सरो्र, य े
के्ल जल-स्ोत ही नहीं होते हैं, बक्क
इनसे जी्न के रंग और भा्नाएँ भी
जुड़ी होती हैं। ऐसा ही एक दमृ्य अभी
कु् ही फदन पहले महाराष्ट्र में दिन े
े
को फमला। ये इलाका ज़यादातर सिे की
ू
चप् में रहता है। पाँच दशक के इंतजार
े
के बाद यहाँ फनल्ंडे डैम की कैनाल का
काम अब पूरा हो रहा है। कु् फदन पहल े
्ेकस्िंग के दौरान कैनाल में पानी ्ोड़ा
गया िा। इस दौरान जो तस्ीरें आईं, ्ो
ँ
्ाकई भा्ुक करने ्ाली िीं। गा् के
लोग ऐसे झूम रहे िे, जैसे होली-दी्ाली
का तयोहार हो।
साफियो, जब प्बनधन की बात हो
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