Page 5 - Mann Ki Baat - Hindi
P. 5

मेरे प्यारे देशवयासि्ो! नमस्यार





                                               ू
                                                            ू
              ‘मन  की  बात’  में  एक  बार  फिर   सामफहक  बल,  सामफहक  शककत,  हर
          आप सब का स्ागत है। ऐसे तो ‘मन     चुनौती  का  हल  फनकाल  देता  है।  अभी
                                                               े
          की बात’ हर महीने के आफिरी रफ््ार   हमने दो-तीन फदन पहले दिा फक देश के
                    े
          को होता है, लफकन इस बार एक सपताह   पक्चमी ्ोर पर फकतना बड़ा साइकलोन
          पहले ही हो रहा है। आप सब जानते ही   आया।  तेज़  चलने  ्ाली  ह्ाएँ,  तेज़
          हैं, अगले हफत मैं अमरीका में रहँगा   बाररश। साइकलोन फबपरजॉय ने कच्
                     े
                                     ू
          और ्हाँ बहुत सारी भाग-दौड़ भी रहेगी   में फकतना कु् तहस-नहस कर फदया,
          और इसफलए मैंने सोचा, ्हाँ जाने स  े  लफकन कच् के लोगों ने फजस फहममत
                                             े
          पहले  आपसे  बात  कर  लँ  और  इसस  े  और  तैयारी  के  साि  इतने  ितरनाक
                              ू
          बफिया कया होगा? जनता-जनाद्दन का   साइकलोन का मुक़ाबला फकया, ्ो भी
                                                         ू
          आशी्ा्दद, आपकी प्रणा, मेरी ऊजा्द भी   उतना ही अभूतप््द है। दो फदन बाद ही
                         े
          बिती रहेगी।                       कच्  के  लोग  अपना  नया  ्र्द,  यानी
              साफियो,  बहुत  से  लोग  कहते  हैं   आरािी बीज भी मनाने जा रहे हैं। ये भी
          फक प्धानमंत्ी के तौर पर मैंने ये अच्ा   संयोग है फक आरािी बीज कच् में ्रा्द
          काम फकया, ्ो बड़ा काम फकया। ‘मन    की शुरुआत का प्तीक माना जाता है।
          की  बात’  के  फकतने  ही  श्ोता,  अपनी   मैं इतने साल कच् आता-जाता रहा हँ,
                                                                         ू
          फचफठियों में बहुत सारी प्शंसा करते हैं।   ्हाँ के लोगों की स्ा करने का मुझे
                                                           े
          कोई कहता है ये फकया, कोई कहता है ्ो   सौभागय भी फमला है और इसके फलए
          फकया, ये अच्ा फकया, ये ज़यादा अच्ा   कच् के लोगों का हौसला और उनकी
          फकया, ये बफिया फकया, लफकन मैं जब   फजजीफ्रा के बारे मैं अच्ी तरह जानता
                              े
                                             ू
          भारत  के  सामानय  मान्ी  के  प्यास,   हँ।  दो  दशक  पहले  के  फ्नाशकारी
          उनकी मेहनत, उनकी इच्ाशककत को      भूकमप के बाद फजस कच् के बारे में
          दिता हँ, तो िुद अपने-आप अफभभूत    कहा  जाता  िा  फक  ्ो  कभी  उि  नहीं
                 ू
           े
                                                                       े
          हो जाता हँ। बड़े से बड़ा लक्य हो, कफिन-  पाएगा,  आज  ्ही  फज़ला  देश  के  तज़ी
                 ू
          से-कफिन चुनौती हो, भारत के लोगों का   से फ्कफसत होते फज़लों में से एक है।














                                         1 1
   1   2   3   4   5   6   7   8   9   10