Page 16 - Mann Ki Baat - Hindi
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ताकत से फ्रोध फकया िा। लोकतत् की य्ा पीिी को लोकतत् के मायन े
के समि्दकों पर उस दौरान इतना और उसकी अहफमयत समझने में
अतयाचार फकया गया, इतनी यातनाए ँ और ज़यादा आसानी होगी।
दी गईं फक आज भी मन फसहर उिता
है। इन अतयाचारों पर पफलस और मेरे पयारे देश्ाफसयो, ‘मन की
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प्शासन द्ारा दी गई सजाओं पर बहुत बात’ रंग-फबरंगे मोफतयों से सजी एक
सी पुसतकें फलिी गई हैं। मुझे भी संदर माला है, फजसका हर मोती अपन े
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‘स्र्द में गुजरात’ नाम से एक फकताब आपमें अनिा और अनमोल है। इस
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फलिने का उस समय मौका फमला काय्दक्रम का हर एफपसोड बहुत ही
िा। कु् फदनों पहले ही इमरजेंसी पर जी्नत होता है। हमें सामफहकता की
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फलिी एक और फकताब मेरे सामन े भा्ना के साि-साि समाज के प्फत
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आई, फजसका शीर्दक है – Torture कर््दवय-भा् और स्ा-भा् से भरता
of Political Prisoners in India. है। यहाँ उन फ्रयों पर िुलकर चचा्द
इमरजेंसी के दौरान ्पी इस पुसतक में होती है, फजनके बारे में हमें आमतौर पर
्ण्दन फकया गया है फक कैसे उस समय कम ही पिने–सुनने को फमलता है। हम
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की सरकार, लोकतत् के रि्ालों अकसर दिते हैं फक ‘मन की बात’ में
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से क्रकूरतम वय्हार कर रही िी। इस फकसी फ्रय का फज़क्र होने के बाद कैस े
फकताब में ढेर सारी केस स्डीज़ हैं, अनेकों देश्ाफसयों को नई प्रणा फमली।
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बहुत सारे फचत् हैं। मैं चाहँगा फक आज, हाल ही में मुझे देश की प्फसद्ध भारतीय
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जब हम आज़ादी का अमत महोतस् शासत्ीय नतयागना आनंदा शंकर जयंत
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मना रहे हैं, तो देश की आज़ादी को का एक पत् फमला। अपने पत् में उनहोंन े
ितरे में डालने ्ाले ऐसे अपराधों का ‘मन की बात’ के उस एफपसोड के बारे
भी ज़रर अ्लोकन करें। इससे आज में फलिा है, फजसमें हमने स्ोरी ्ेफलंग
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