Page 27 - Mann Ki Baat - Hindi
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मैदाम महज शिगृह नहीं हैं। िे इवतहास और संसकवत के भंडार हैं। इनमें पाई जाने
                                                  कृ
          िाली जव्टल नककाशी, मूवत्थयाँ और कलाककृवतयाँ अहोम जीिन शैली, उनकी धावम्थक
          मानयताओं और उनकी कलातमक संिेदनाओं के बारे में अमूलय जानकारी प्रदान करती
          हैं। ऐसे अहोम लोगों के वलए मैदाम एक महत्िपूण्थ ती्थ्थ स्थल भी हैं, जो अपने पूि्थजों का
          सममान करते हैं और अपने पूि्थजों की परमपराओं को कायम रखते हैं।
              चराईदेउ मैदाम को यूनेसको विशि विरासत स्थल के रूप में मानयता वमलना न केिल
          असम, बबलक पूरे देश के वलए गि्थ की बात है। यह हमारे देश की विविध संसकवतयों को
                                                                   कृ
          संरवषित करने के वलए भारत सरकार के दृढ़ प्रयासों का पररणाम है। चराईदेउ मैदाम को
          संरवषित करना इवतहास के एक वहससे की सुरषिा के सा्थ-सा्थ एक राजिंश की विरासत
          का सममान भी है, वजसने एक षिेत्र की वनयवत को आकार और पहचान दी।


















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