Page 29 - Mann Ki Baat - Hindi
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इसके ्बारे में रानने के टलए िोड़-सी लग   टक िमारे सतूपिों से काफी टमलता-रुलता

          गई िै। ऐसे सभी पिा्ठकों की रानकारी   िै।
          के टलए मैदाम के ्बारे में ्बताता िूँ।  चराईदेउ घाटी में अ्ब तक 90 मैदाम
              मैदाम  रमीन  के  ऊपिर  ्बनी  एक   ररपिोट्ड टकए गए िैं और अ्ब भी िोर
          संरचना िोती िै, टरसमें एक कमरा िोता   रारी िै। वत्थमान में अिोम लोग छोटा
          िै और उसके अंदर एक रासता िोता िै।   सा मैदाम ्बनाकर पिार्पिररक तरीके से
                                             ू
          इस  कमरे  के  ऊपिर  एक  गु््बद  िोता   पिरा करते िैं, पिरंतु इस वासतु का प्रयोग
          िै। इस मैदाम में मृत लोगों के शव रिे   1200 से 1900 शताबदी तक टकया राता

          राते  थे  और  उनके  साथ  उनके  द्ारा   था। अ्ब लोग इस तरि के शवगृि निीं
          इसतेमाल  की  राने  वाली  और  उनकी   ्बनाते  िैं,  लेटकन  अ्ब  तक  टरतने  भी
          टप्रय चीरें रिी राती थीं। ऐसा इसटलए   मैदाम और इसमें अवशेष टमले िैं, उनके
          टकया राता था, कयोंटक लोगों का मानना   आधार पिर मैं यि ररूर कि सकता िूँ
          था टक मृतक टरस भी रगि रा रिे िैं,   टक ये इटतिास के ्बारे में रानने के टलए
          उनिें विाँ इन वसतुओं की ज़रूरत पिड़ेगी।   ्बिुत अचछे स्ोत िैं। इनमें िमें टसकके,
          कमरे में सभी सामानों को रिने के ्बाद   िटथयार समेत ऐसी कई चीरें टमलती िैं,
          अनुष्ठान कराया राता था, टरसके ्बाद   टरनसे िमें उस समय के ्बारे में काफी
          उस कमरे को ्बंद कर टदया राता था।   कुछ पिता चलता िै। इसटलए यि असम

          दूसरे चरण में उस कमरे के चारों ओर   और भारत के इटतिास के साथ-िी-साथ
          टमट्ी डाली राती थी और इस प्रकार यि   अिोम रारवंश के टलए ऐटतिाटसक ज्ाान
          एक ्बिुत सुनदर आकार ले लेता था, रो   का भी एक ्बड़ा भंडार िै।

























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