Page 60 - Mann Ki Baat - Hindi
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का इक्तिहा्स बतिातिा है क्क यह गीति क्रिक्टशों ने इ्से ‘मक्ति्षपूजा’ का जामा
अपने प्रचलन में आतिे ही अद्य भाव पहना कर इ्सका क्वरोध क्कया/करवाया,
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्से लोकक्प्रय हो गया ्ा। यह काग्रे्स और भी बहति ्से ‘बतिपरसतिी’ के क्वरोधी
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के अक्धवेशन में गाया गया ्ा। लाला ख़ामख़वाह इ्सके क्वरोधी हो गए। इ्से
लाजपति राय ने लाहौर ्से वंदे मातिरम् ्सा्प्रदाक्यक जामा पहना क्दया गया। एक
पक्त्का का प्रकाशन आर्भ क्कया ्ा। अनुपम रचना रड्ंत् का क्शकार हो गई,
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तिब तिक कुछ जगहों पर मक्जसट्रेट के क्कनति उ्सका दमन न क्कया जा ्सका।
आदेश पर इ्स गीति के ्साव्षजक्नक गायन कक्व ने जोडा -
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पर प्रक्तिबंध लगाया जा चुका ्ा। तिक्म क्वद्ा, तिुक्म ध्म्ष
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बक्कमचंद्र चट्ोपाधयाय ने अपने गीति तिक्म हृक्द तिक्म म्म्ष
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‘वंदे मातिरम्’ का उपयोग अपने उपनया्स तव क्ह प्राणा: शरीर
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आनंदमठ में क्कया। मूल गीति में उनहोंन े बाहतिे तिक्म माँ शक्ति
और पंक्तियाँ जोडीं। मूल गीति (12 हृदये तिुक्म माँ भक्ति
पंक्तियाँ) अ्ा्षत् कक्वतिा के आरक्भक तिोमारर प्रक्तिमा गक्ड
ं
दो अतिरे कई वरषों तिक अनछुए पडे मकनदरे मकनदरे।
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रहे। अपने उपनया्स की जक्टल भावना कक्वतिा के उपरो्ति अंश में ्संसकति
के क्लए उनहोंने बाद में इ्स गीति में जो के ्संग अतयंति ्सुंदर भाव ्से बंगला क्मलाई
अंश जोडा, वही क्ववाद का क्वरय बना। गई है। उपनया्स आनंदमठ में नायक इ्स
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