Page 54 - MANN KI BAAT (Hindi)
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                                                        मा
                                                स्ाटअप इहडया
                                   बदििे उद्यमशीि पररदृश्य क 9 वर      ्ण
                                                                 े




           साखथयो, कुछ खिन पहले ही StartUp    35  िष्ष  से  कम  आयु  की  65
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           इखडया के 9 साल पूरे हुए हैं। हमार  े  प्रखतशत  आबािी  िाले  िेश  -  भारत  को,
        िेश में खजतने StartUps 9 साल में बने हैं,   उद्यमशीलता  की  आकाक्षाओं  को  पूरा
                                                            ं
        उनमें से आधे से जयािा Tier 2 और Tier   करने के खलए एक संगखठत पलटफॉम्ष की
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        3 शहरों से हैं, और जब यह सुनते हैं तो   आिशयकता थी। प्रधानमत्री नरनद्र मोिी
                                                                   ं
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        हर खहनिसतानी का खिल िुश हो जाता ह  ै  ने 15 अगसत, 2015 को ‘सटाट्टअप इखडया’
        यानी हमारा StartUp Culture बड़े शहरों   पहल  की  घोषणा  की,  खजसे  औपचाररक
        तक ही सीखमत नहीं है।              रूप से 16 जनिरी, 2016 को शुरू खकया
                   – प्रधानमंत्री नरेनद्र मोिी   गया। उनकी पररकलपना नौकरी चाहन  े
               (‘मन की बात’ समबोधन में )  िालों को नौकरी प्रिाता बनाना था। उनकी
                                          इस  पररकलपना  ने  भारत  के  सटाट्टअप
                                          इकोखससटम  को  बिल  खिया  है।  आज
                                          भारत में 1.5 लाि से अखधक सटाट्टअप
                                          और 118 से अखधक यखनकॉन्ष हैं।
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                                              भारत के सटाट्टअप इकोखससटम का
                                          खिकास
                                                       ं
                                              सटाट्टअप  इखडया  की  सफलता
                                          रणनीखतक नीखतयों से उपजी है, जो खित्तीय
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                                          सहायता,  कर  छूट,  मद्रा  ऋण  योजना
                                          (20  लाि  रुपये  तक)  और  एक  लाि
         “यह समय भारत का है। यह समय       करोड़  रुपये  के  अनुसंधान  कोष  जैस  े
         केिल बड़े शहरों के खलए नहीं, केिल   खित्तपोषण के अिसर प्रिान करती हैं। यह
         पुरुषों के खलए नहीं, केिल खिशेषाखधकार   इकोखससटम महानगरों से आगे बढ़कर
         प्रापत लोगों के खलए नहीं, यह समय उन   600 से अखधक खजलों तक पहँच गया और
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         सभी लोगों के खलए है खजनके पास कोई   इसने  कखष,  कपड़ा,  खचखकतसा,  पररिहन
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         आइखडया है और उसे आगे बढ़ाने का    तथा अंतररक्ष जैसे क्षेत्रों में अपना ििल
         साहस है। मेरे खहसाब से यही सटाट्ट-अप   बढ़ाया।
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         इखडया की सच्ी भािना है।”             भारत  2014  में  मात्र  500  सटाट्टअप
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                        – खनखिल कामथ      से बहुत आगे बढ़कर िखनया का तीसरा
                      खनिेशक और उद्यमी    सबसे  बड़ा  सटाट्टअप  इकोखससटम  बन
                                          गया है। उसकी इस प्रगखत को मानयता


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