Page 59 - MANN KI BAAT (Hindi)
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के पास अब पूँजी, प्रखतभा और ज्ाान सब रहे हैं खक आप खजस आइखडया को लेकर
कुछ है, जो कभी महज कुछ िास लोगों बैठे हैं, उसे शुरू करना चाखहए या नहीं।
के खलए आरखक्षत था। पहले जो बाधाएँ ऐसे में मेरे खिचार से आपके खलए कुछ
हुआ करती थीं, िे अब िूर हो रही हैं– सलाह महत्िपण्ष होगी। सही समय
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चाहे िे भौगोखलक, खशक्षा या सामाखजक आने का इंतजार न करें। सही समय
प्रखतषठा पर आधाररत हों। अगर आपके जैसा कुछ नहीं होता। जोखिम उठाइए।
पास कोई आइखडया है और उसे पूरा
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करने का िढ़ संकलप है, तो सभी के खलए खनमा्षण करें, असफल हों, खनरंतर सीिें
समान अिसर पहले कभी नहीं होता था। और यह पूरा हो सकता है, बस हो
भारत की सटाट्टअप गाथा पकशचमी सकता है, आप कुछ ऐसा बना लें, जो
िेशों के मॉडल की नकल खबलकुल नहीं न केिल आपका जीिन बिल िे, बकलक
है। यह ऐसे समाधान तैयार करने के खकसी और को भी अपनी ऊँची छलाँग
बारे में है, जो खिखशषट रूप से भारतीय हैं। लगाने के खलए प्रररत करे।
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चाहे िह भारत के खलए सथानीय समसया यह समय भारत का है। यह समय
का समाधान ढूँढना हो, पालतू जीिों के केिल बड़े शहरों के खलए नहीं, केिल
खलए खटकाऊ आहार तैयार करना हो, या पुरुषों के खलए नहीं, केिल खिशेषाखधकार
खफर डीएनए सटोरेज तकनीक में अरिणी
होना हो, युिा उद्यमी यह साखबत करने में प्रापत लोगों के खलए नहीं, यह समय उन
सक्षम हैं खक निाचार का कोई खपन कोड सभी लोगों के खलए है खजनके पास कोई
नहीं होता। आइखडया है और उसे आगे बढ़ाने का
कया आप इसे पढ़कर साहस है। मेरे खहसाब से यही सटाट्ट-अप
आशचय्षचखकत हो रहे हैं? कया यह सोच इंखडया की सच्ी भािना है।
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