Page 53 - MANN KI BAAT (Hindi)
P. 53

एक  ररमोट  एरर्ा  में  हम  लोग
                                          ां
                                हादि्ों के सरक्षण के साि फसलों की
                                रक्षा करन की कोदशश कर रह हैं. इस पर
                                        बे
                                                      बे
                                भी प्धानमांत्री की नजर ह। माननी् प्धानमांत्री जी
                                                  रै
                                को हािी बन्धु की तरफ स धन््वाि। हादि्ों के हरैदबटैट
                                                    बे
                                                      रै
                                का  बहुत  नुकसान  हो  चुका  ह।  हादि्ों  और  मानव  के
                                बीच सघर कम करन की हािी बन्धु की ्ह कोदशश पूर  बे
                                                बे
                                        ्व
                                     ां
                                भारतवर के दलए एक मॉडल बन सकती ह। हादि्ों को
                                      ्व
                                                               रै
                                                 बे
                                हम लोग सुरदक्षत रखेंग तो अन्् जीव-जन्तु खुि-ब-खुि
                                सुरदक्षत रहेंग। बे
                                   दबनोि डुलु बोरा, फीलड
                                   डा्रकटर, हािी बन्धु
                                       बे


















              वदज्वन कोकोनट ऑ्ल में आदिवासी लोगों की आसिा
            रै
           ह दक इसस हीदलांग होती ह। अब ्ह माककेट में जाएगा तो
                   बे
                              रै
           इसका प्ोडकशन बढ़ जाएगा। अब इन्हें मालूम ह दक इस
                                              रै
                                     रै
            बे
           तल के खरीिार हैं। हमारा दवशवास ह दक सरकार की मिि
                               बे
                                         बे
                           बे
                         बे
                  बे
            बे
           स हम इस और आग ल जान में सफल होंग। प्धानमांत्री जी
                                बे
            बे
                                                  बे
           न ‘मन की बात’ में इसके बार में बात की, हम लोग बहि
                                     रै
           खुश हैं। हमारी उममीि और बढ़ गई ह दक हम ट्राइबल लोग
                                         बे
           भी अपन ट्रदडशनल नॉलज स कमा सकत हैं और अपनी
                                बे
                             बे
                 बे
                   रे
                             बे
                                बे
                                         बे
           फैदमली के दलए इनकम जनरट कर सकत हैं।
             रशीि ्ूसुफ, अध्क्ष,
               ट्राइबल कौंदसल
                                        49
                                        49
   48   49   50   51   52   53   54   55   56   57   58