Page 36 - MANN KI BAAT (Hindi)
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भारत में मतदान प्रहरिया का विकास
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भारत िदन्ा का सबस बडा लोकतत्र ह दजसन दपछल कुछ िशकों
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में अपनी मतिान प्दक्र्ा में महत्वपूण्व बिलाव दकए हैं। ्हाँ दवदभन्न
सम्ावदध्ों में अदज्वत की गई प्मुख उपलक्ध्ों को िशा्व्ा ग्ा ह : बरैलबेट बॉकस सबे ईवीएम तक
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1951-52 ः पहला आम चुनाव
भारत के पिले आर चुना्वों ने इसकी लोकतांहत्रक ्ात्रा की
िुरुआत को हचहनित हक्ा। रतदाताओं ने रतपेह््ों का उप्ोग
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करके अपना ्वो् डाला। इस प्हरि्ा रें रतपत्रों को प्त्क
उमरीद्वार के चुना्व हचनि से पिचाने जाने ्वाले हनिा्मररत सीलबनद
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बकसे रें रैन्अल रूप से डाला जाता था।
1962 ः मादकिंग प्णाली की शुरुआत
1962 रें तीसरे आर चुना्वों से भारत हन्वा्मचन आ्ोग (ECI) ने रतदान की
राहकिंग प्णाली की िुरुआत की। रतदाताओं ने सभी उमरीद्वारों के नार और
प्तीकों को सूचीबद्ध करने ्वाले एक सारान् रतपत्र का उप्ोग हक्ा। उनिोंने
एक ऐरो रिरॉस-राक्क रबर स्टैमप का उप्ोग करके अपनी पसंद को हचहनित हक्ा
और हिर हचहनित रतपत्रों को एक सारान् रतपे्ी रें डाल हद्ा।
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2019 ः पूण्व वीवीपीएटी कवरज
2019 के आर चुना्वों के हलए सभी
हन्वा्मचन क्ेत्रों रें ई्वीएर के साथ-साथ
्वी्वीपीए्ी रिीनें भी रखी गईं हजससे
चुना्वी प्हरि्ा रें रतदाताओं का अहिक
ह्वश्वास सुहनशशचत िुआ।
भदवष्् के नवाचार
हन्वा्मचन आ्ोग, भारत की ह्विाल और ह्वह्वि आबादी के हलए चुना्वों को और
भी अहिक सरा्विी तथा सुलभ बनाने के हलए रररो् ्वोह्ंग हसस्र और
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बलरॉकचेन-आिाररत ्वोह्ंग जैसी नई तकनीकों की खोज जारी रखे िुए िै। 32
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