Page 32 - MANN KI BAAT (Hindi)
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मतदान में समािेशिता
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सभी क लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चिि करिे क प्रयास
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मैं चुनाि आयोग काे भी धनयिाि भारत, गणतंत्र खििस की पि्ष
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िँगा, खजसने समय–समय पर संधया पर 25 जनिरी को राषट्रीय
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हमारी मतिान प्रखरिया को आधखनक मतिाता खििस मनाता है। इसी खिन
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बनाया है, मजबूत खकया है। आयोग न े
जन-शककत को और शककत िेने के खलए, भारत खनिा्षचन आयोग की सथापना की
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तकनीक की शककत का उपयोग खकया। िष्षगाँठ होती है। जैसा खक प्रधानमत्री
मैं चुनाि आयोग को खनषपक्ष चुनाि के के ‘मन की बात’ में बताया गया है खक
उनके commitment के खलए बधाई यह खिन लोकतंत्र को बनाए रिने में
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िेता हँ। मैं िेशिाखसयों से कहँगा खक िो खनिा्षचन आयोग की महत्िपण्ष भखमका
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़जयािा-से-़जयािा संखया में अपने मत के
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अखधकार का उपयोग करें, हमेशा करें को रिाखकत करता है। 1951-52 में पहल े
और िेश के Democratic Process का चुनािों के बाि से भारत का लोकतंत्र
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खहससा भी बनें और इस Process को िखनया के खलए लोगों द्ारा संचाखलत
सशकत भी करें। शासन का एक प्ररक उिाहरण बन
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– प्रधानमत्री नरनद्र मोिी गया है। प्रधानमत्री ने ठीक ही कहा है,
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(‘मन की बात’ समबोधन में) लोकतंत्र तब पनपता है, जब हर वयककत
अपने िोट के अखधकार का प्रयोग
करता है।
लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत
अपनी चुनािी प्रखरिया में समािेखशता पर
बहुत जोर िेता है। िेश ने यह मानत े
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हुए खक सच् लोकतंत्र के खलए सभी
के प्रखतखनखधति की आिशयकता होती
है, ऐसी नीखतयों और पहलों को लाग ू
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खकया है जो यह सखनकशचत करती हैं खक
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हाखशए पर पड़े खिवयाग और िूरिराज के
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समिाय पीछे न छूटें।
नागररकों को खशखक्षत करना
भारत के खनिा्षचन आयोग का
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