Page 56 - Mann Ki Baat - Hindi
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मलेररया उनममूलन
भार्त निाचार को बढ़ािा देकर, समान पहुँच सुवनलशच्त करके और म़िबू्त जन
जागरूक्ता अवभयान चलाकर सिास्थय सेिाओं में अभू्तपूिघा सफल्ता प्राप्त कर रहा है।
इससे लम्बे समय से चली आ रही सिास्थय चुनौव्तयों को जी्त में बदला जा रहा है।
“असम में जोरहाट के चाय बागानों में मलेररया चार साल पहले ्तक लोगों के वलए
वचन्ता का एक ब़िी िजह बना हुआ था, लेवकन इसके उनमूलन के वलए चाय बागान
में रहने िाले एकजुट हुए, ्तो इसमें काफी हद ्तक सफल्ता वमलने लगी।
हररयाणा के कुरुषिेत् वजले ने भी मलेररया को वनयंवत््त करने के वलए एक बहु्त
अच्ा मॉडल पेश वकया है। यहाँ मलेररया की मोनेवटररंग के वलए जनभागीदारी
काफी सफल रही है।”
- प्रधानमंत्ी नरेनद् मोदी (‘मन की बा्त’ सम्बोधन में )
असम के जोरहाट के चाय बागानों में मलेररया कभी एक ब़िी चुनौ्ती थी, वजससे
ें
अवधक संखया में मौ्त हो्ती थीं। हालाँवक जागरूक्ता बढ़ाने, सिच््ता को बढ़ािा
देने, पानी के ठहराि को रोकने और मच्रदानी के उपयोग को प्रो्सावह्त करने
सवह्त सामूवहक प्रयासों के माधयम से, चाय बागानों के वनिावसयों ने सफल्तापूिघाक
इस समसया का समाधान वकया है। इससे िहाँ सिसथ और मलेररया मुक्त समुदाय
सुरवषि्त जीिनयापन कर रहा है।
“प्रधानमंत्ी ने ‘मन की बा्त’ में हमें जो सम्मान वदया है, उसके वलए मैं ्तहेवदल से
बहु्त आभारी हूँ। मलेररया से वनपटने के वलए हम अपने चाय बागानों में जो प्रयास
कर रहे हैं, उस पर मुझे बहु्त गिघा है।
बागान सवचि और मवहला सवमव्तयों की सहाय्ता से हमने गाँिों में बैठकें और
सभाएँ आयोवज्त कीं। चाय बागानों में रहने िालों के वलए हमने एक समवपघा्त
ु
फेसबुक पेज और वहाटसएप ग्प के जररए जानकारी साझा की। वजले के गैर
सरकारी संगठनों और बागान सवचिों ने जागरूक्ता बढ़ाने के वलए रर-रर जाकर
काम वकया। मवहलाओं को वशवषि्त करने और सिच््ता को बढ़ािा देने के वलए
लाइन कमेवटयाँ बनाई गईं। इन सामूवहक प्रयासों से हमें मलेररया पर वनयंत्ण पाने
में सफल्ता वमली है।”
- बोंटी बोरूआ सैवकया, जोरहाट, असम
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