Page 59 - Mann Ki Baat - Hindi
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एफपीओ ने अगले साल ्तक वकसानों की संखया को 2,000 से अवधक करने की योजना
           बनाई है। यह संगठन वकसानों को बीज और उिघारक जैसी आिशयक सामग्ी प्रदान
           करने के साथ-साथ खे्ती की आधुवनक ्तकनीकों का प्रवशषिण दे्ता है। एफपीओ ने
         बा़िार ्तक सीधी पहुँच प्रदान करके, वकसानों को उनकी उपज का उवच्त मू्य वमलना
         सुवनलशच्त कर वदया है। इसके पररणामसिरूप इन वकसानों की आय दोगुनी या व्तगुनी हो
          गई है। ओवडशा सरकार और भार्त सरकार के सहयोग से यह सफल्ता सम्भि हुई है।


                                 छे
                           मैंने 50 डसीमल जमीन पर खे्ती शुरू की, लेवकन एफपीओ के समथघान से
                          मैंने इसे 17 एक़ि ्तक बढ़ाया। पहले टमाटर बेचना एक ब़िी चुनौ्ती थी। अब
                           एफपीओ के माधयम से वयापारी सीधे हमसे खरीदने आ्त हैं।
                                                             े
                               मैं एफपीओ का बोडटू सदसय हूँ और अब वयापारी वनयवम्त रूप से
                                                   े
                           टमाटर जैसी उपज सीधे हमसे खरीद्त हैं। इससे पूरी प्रवरिया सुवयिलसथ्त
                          हुई है और सभी वकसानों के वलए उवच्त मू्य और बा़िार ्तक बेह्तर पहुँच
                       सुवनलशच्त हुई है।”



                                           –धनंजय नायक, धमनपुर गाँि, ओवडशा


                           “मैं 2.5 एक़ि में कपास उगा्ता था, लेवकन खचषों के बाद सालाना केिल एक
                          लाख रुपये कमा पा्ता था। कृषण चंद् नाग ने मुझे सबजी की खे्ती करने की
                           सलाह दी। पहले ्तो मैं वहचवकचा रहा था, लेवकन जब मैंने लाभ देखा, ्तो मैंने
                            2-4 लाख रुपये वनिेश करने का फैसला वकया।
                               इस साल मैंने कपास की खे्ती की ्तुलना में लगभग 10 गुना अवधक
                            कमाया। एफपीओ हमारी उपज का विपणन और वबरिी कर्ता है और वयापारी
                           अब हमारे दरिाजे पर आ्त हैं। मेरे वलए खे्ती बहु्त अवधक लाभदायक और
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                         कम ्तनािपूणघा हो गई है।”
                                   –वदनेश कुमार साहू, सांचे गाँि, कालाहांडी, ओवडशा


















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