Page 23 - Mann Ki Baat - Hindi
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हुए ज़मीन पर लेट-लेट कर प्रणाम को बढ़ावा देने और इ्स प्राचीन पर्परा
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करतिे हुए नदी तिक जातिे हैं। ्सतिान प्राकपति को वकशवक दश्षकों ्से पररक्चति कराने का
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की मन्नति पूरी होने पर क्मट्ी के हा्ी अव्सर प्रदान करतिा है।
को भेंट चढ़ाने की पर्परा है, यह गहरी ्संक्प में, छठ पूजा एक धाक्म्षक
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वयक्तिगति आस्ा को दशा्षतिे हैं। तयोहार ्से कहीं बढ़कर है। यह एक
छठ पूजा का उत्सव अपन े ्समग्र उत्सव है जो अटूट भक्ति, पररवार
पार्पररक भूगोल ्से आगे क्नकल के प्रक्ति अगाध स्ह, प्रककृक्ति के प्रक्ति श्रदा
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गया है। प्रवा्सी भारतिीयों के प्रवा्स के और ्सामाक्जक ्समर्सतिा की अद भति
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्सा्, इ्स तयोहार को दक्नया भर में
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नए घर क्मल गए हैं। क्वदेशी धरतिी पर, भावना को एक ्सत् में क्परोतिा है। भारति
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्सामुदाक्यक ्संगठन झीलों, नक्दयों और के हृदयस्लों ्से लेकर वकशवक मंच
्साव्षजक्नक तिालाबों के क्कनारे घाटों का तिक, इ्सकी यात्ा इ्सके स्ायी आकर्षण
्सावधानीपव्षक पुनक्न्षमा्षण करतिे हैं। यह और एकीककृति शक्ति के रूप में इ्सकी
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वकशवक उत्सव एक महत्वपण्ष ्सांसककृक्तिक भक्मका को रेखाक्कति करतिी है, जो भारति
आधार के रूप में काय्ष करतिा है, जो की ्सामाक्जक एकतिा और आधयाकतमक
आने वाली पीक्ढ़यों को अपनी क्वरा्सति गहराई का एक अनूठा अनुभव प्रदान
्से जुडने, क्वदेशों में ्सामुदाक्यक भावना करतिी है।
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