Page 28 - Mann Ki Baat - Hindi
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हम ही परिवर्तन




                                           ्सक्रिय ्सथामुदथाक्यक भथागीदथारी






























            जब लोग एक ्साझा उद्शय हाक््सल करने को सवेचछा ्से एकजुट होतिे हैं, तिभी
                              े
        पररवति्षन आर्भ होतिा है। भारति की, ‘क्वकक््सति भारति’ बनने की यात्ा ने क्दखाया है क्क
        राषट्रीय अक्भयानों की क्ज़्मेदारी जब नागररक ले लेतिे हैं, तिो पररवति्षन अक्नवाय्ष हो जातिा
        है। ्सफ़ाई ्से सवासरय तिक, पया्षवरण ्संरक्ण ्से कलयाण तिक- हर पहल क्ज्समें लोगों
        की भागीदारी रहतिी है वो वासतिव में उत्साहपूण्ष जन-भागीदारी, एक जन-आंदोलन बन
        जातिी है। ‘हम ही पररवति्षन’ की भावना वाले इन आंदोलनों में  हर वयक्ति का राषट्र क्वका्स
        में योगदान होतिा है।
            सवचछ भािर भमशन
            2 अ्तिूबर, 2014 ्से शुरू हुए सवचछ भािर भमशन ने, नागररक गौरव की भावना
        जगाई और लाखों लोगों को अपने आ्स-पा्स की क्ज़्मेदारी लेने को प्रेररति क्कया। गाँवों,
        क़सबों और शहरों में नागररकों ने झाड़ू पकडी, कचरे के ढेर हटाए और अपना क्ेत् सवचछ
        रखने का ्संकलप क्लया। यह आंदोलन ्सामाक्जक क्वभाजन को पाटतिे हुए हर वग्ष के लोगों
        को एक ्सा् लाया; अक्धकाररयों और छात्ों ्से लेकर जानी-मानी हकसतियों, रक्ाकक्म्षयों
        और आधयाकतमक नेतिा तिक, ्सभी एक ्साझा उद्शय ्से जुड। े
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