Page 46 - Mann Ki Baat Hindi(MAY-2023)
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जल संरक्ण
रे
भारत क युवाओं क हाथ र्ें सर्ारान का नतृत्व
रे
रे
फबन पानी सब सून। फबना पानी पानी की कमी पूरी दुफनया में एक
जी्न पर संकट तो रहता ही है, वयककत प्मुख चुनौती है और भारत भी इसका
और देश का फ्कास भी ्ठपप पड़ जाता अप्ाद नहीं है। आबादी बढ़ने के साथ-
है। भफ्ष्य की इसी चुनौती को देखते साथ उद्ोगों का फ्सतार होता है और
हुए आज देश के कई यु्ा ऐसे भी हैं, जल्ायु परर्त्यन का प्भा् बढ़ता है।
जो समाज को जल संरक्ण के प्फत इससे पानी की माँग तेजी से बढ़ रही
जागरूक करने के फमशन में भी लगे है। हालाँफक इस पररदृशय के बीच भारत
हुए हैं। के यु्ा एक शककतशाली माधयम के रूप
-प्धानमंत्री नरेनद् मोदी में उभरे हैं, जो एक सटेनेबल भफ्ष्य के
(‘मन की बात’ के समबोधन में ) फलए इस बहुमूलय संसाधन को संरफक्त
करने का नेतृत् कर रहे हैं।
भारत के यु्ाओं ने जल संरक्ण
में अपनी भूफमका को अटट उतसाह
टू
और दृढ़ संकलप के साथ अपनाया है। ्े
पानी की हर बूँद के महत्् को समझते
हैं और सफक्रय रूप से अपने समुदायों में
जागरूकता पैदा करते हैं। अपनी सफक्रय
भागीदारी के माधयम से, ्े दूसरों को
पानी बचाने के तौर-तरीकों को अपनाने
े
“मेरा सपष्ट मानना है फक सरल के फलए फशफक्त और प्ररत करते हैं और
माधयमों जैसे रेफडयो से प्धानमंत्री की इस बहुमूलय संसाधन को संरफक्त करने
‘मन की बात’ काम की बात तो है ही, के महत्् के बारे में समझाते हैं।
पर ये देश-दुफनया के जन-जन के ‘मन पानी को एक दुल्यभ और मूलय्ान
की बात’ भी है। प्धानमंत्री की ये ही संसाधन के रूप में पहचानते हुए, देश भर
काय्य शैली उनहें लोगों से जोड़ कर भी के समुदायों ने भी जल संरक्ण की पहल
रखती है और प्भा्ी लोक नेतृत् का में हाथ फमलाया है। उनहोंने सामूफहक
अफधकारी भी बनाती है।” रूप से काय्य करने की आ्शयकता
-अफनल प्काश जोशी को महसूस फकया है और सथायी जल
पया्य्रणफ्द् प्बनधन की फदशा में सफक्रय कदम उ्ठाए
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