Page 9 - MANN KI BAAT (Hindi)
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समृद्ध हुआ है। मैं चुनाि आयोग का भी   कई खिवय योग भी बन रहे हैं। कुमभ का
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          धनयिाि िँगा, खजसने समय-समय पर,    ये उतसि खिखिधता में एकता का उतसि
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          हमारी  मतिान  प्रखरिया  को  आधखनक   मनाता है। संगम की रेती पर पूरे भारत
          बनाया है, मज़बूत खकया है। आयोग न  े  के, पूरे खिशि के लोग जुटते हैं। हजारों
          जन-शककत को और शककत िेने के खलए,   िषशों से चली आ रही इस परमपरा में कहीं
          तकनीक की शककत का उपयोग खकया।      भी  कोई  भेिभाि  नहीं,  जाखतिाि  नहीं।
          मैं चुनाि आयोग को खनषपक्ष चुनाि के   इसमें भारत के िखक्षण से लोग आते हैं,
          उनके  commitment  के  खलए  बधाई   भारत के पूि्ष और पकशचम से लोग आते
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          िेता हँ। मैं िेशिाखसयों से कहँगा खक िो   हैं। कुमभ में गरीब-अमीर सब एक हो
          जयािा-से-जयािा संखया में अपने मत के   जाते हैं। सब लोग संगम में डुबकी लगाते
          अखधकार का उपयोग करें, हमेशा करें   हैं, एक साथ भंडारों में भोजन करते हैं,
          और िेश के Democratic Process का   प्रसाि लेते हैं - तभी तो ‘कुमभ’ एकता का
          खहससा  भी  बनें  और  इस  Process  को   महाकुमभ है। कुमभ का आयोजन हमें ये
          सशकत भी करें।                     भी बताता है खक कैसे हमारी परमपराएँ
                                            पूरे  भारत  को  एक  सूत्र  में  बाँधती  हैं।
              मेरे  पयारे  िेशिाखसयो,  प्रयागराज   उत्तर  से  िखक्षण  तक  मानयताओं  को
          में महाकुमभ का श्ीगणेश हो चुका है।   मानने के तरीके एक जैसे ही हैं। एक
                                                             ै
          खचरसमरणीय  जन-सैलाब,  अकलपनीय     तरफ प्रयागराज, उज्न, नाखसक और
          िृशय  और  समता-समरसता  का
          असाधारण  संगम!  इस  बार  कुमभ  में




























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