Page 8 - MANN KI BAAT (Hindi)
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साखथयो, मुझे उममीि है, आपको भी
डॉ. श्ामा प्साि मुखजजी संखिधान सभा की debate से ये original
audio सुनकर अचछा लगा होगा।
हम िेशिासी को, इन खिचारों से प्रेरणा
लेकर ऐसे भारत के खनमा्षण के खलए
काम करना है, खजस पर हमारे संखिधान
खनमा्षताओं को भी गि्ष हो।
साखथयो, ‘गणतंत्र खििस’ से एक
खिन पहले 25 जनिरी को national
(6 जुलाई, 1901- 23 जून, 1953) voters’ day है। ये खिन इसखलए
y 33 ्वष्म की आ्ु रें कलकत्ा ह्वश्वह्वद्ाल् के
कुलपहत बने। ्े भारत िी निीं ह्वश्व रें सबसे अहम है, कयोंखक इस खिन ‘भारतीय
कर उम्र के कुलपहत थे।
y 21 अक्टूबर 1951 को हदलली रें भारती् खनिा्षचन आयोग’ की सथापना हुई थी..
जनसंघ की सथापना की।
ं
y भारती् ह्वश्वह्वद्ाल् संघ के 15्वें अध्क् Election Commission. हमारे सखिधान
(1941-42)।
खनमा्षताओं ने सखिधान में हमारे चुनाि
ं
in this great land irrespective of आयोग को लोकतंत्र में लोगों की
race, caste, creed or community. भागीिारी को बहुत बड़ा सथान खिया है।
Everyone will have an equal िेश में जब 1951-52 में पहली बार चुनाि
opportunity, so that he or she हुए, तो कुछ लोगों को संशय था खक कया
े
can develop himself or herself िेश का लोकतंत्र जीखित रहेगा, लखकन
according to best talent and serve हमारे लोकतंत्र ने सारी आशंकाओं को
the great common motherland of गलत साखबत खकया, आखिर भारत,
India.” Mother of Democracy है। बीते िशकों
में भी िेश का लोकतंत्र सशकत हुआ है,
चुनाव का पव्व - िश का गव्व
बे
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