Page 20 - Mann Ki Baat - Hindi
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                              भारत क संविधान की यात्ा








           हम सभी के वलए बहुत गौरव की         भारत का संववधान द़ेर का सववोच्
           बात है। हमार संववधान वनमा्षताओं   कानून  है,  जो  द़ेर  के  रासन  के  वलए
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        न हमें जो सववधान सौंपा है, व़े समय की
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        हर कसौटी पर खरा उतरा है। संववधान   रूपरखा तैयार करता है। इस दुवनया के
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        हमार  वलए  Guiding  light,  हमारा   सबस लमब़े और सबस ववसतृत रूप स  ़े
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        माग्षदर्षक है।                    ववण्षत संववधानों में स एक माना जाता है।
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                    प्रधानमंत्री नऱेनद्र मोदी   भारत  के  संववधान  की  यात्रा  दूरदवर्षता
               (‘मन की बात’ समबोधन में )  और दृढ़ता की कहानी है, जो उन लाखों
                                          भारतीयों की आकांक्ाओं को दरा्षती है,
                                          वजनहोंन  सवतंत्रता  के  वलए  लड़ाई  लड़ी
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                                          और  नयाय,  समानता  तिा  बंधुतव  की
                                          माँग की। सवतंत्रता स बहुत पहल रुरू
                                                           ़े
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                                          हुई  यह  यात्रा  वरिवटर  औपवनव़ेवरक
                                          रासन  के  वखलार  संघरषों  के  माधयम
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                                          स जारी रही और 1950 में संववधान को
                                          अपनान के साि समापत हुई।
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                                              सवतंत्रता  पूव्ष  प्रयास  :  भारत  के
         “26 जनवरी, 1950 को लागू वकया गया   संववधान  के  बीज  वासतववक  मसौदा
         भारतीय संववधान केवल एक कानूनी    तैयार करन की प्रवकया स बहुत पहल  ़े
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         संरचना नहीं है, बनलक हमार सामवहक
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         संकलप का प्रवतवबमब है, जो एक जीवंत   बोए  गए  ि़े।  1858  में,  जब  भारत  को
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         राषट् की आराओं, सपनों और ववववध   औपचाररक  रूप  स  वरिवटर  उपवनव़ेर
         पहचानों को मत्ष रूप दता है।”     बनाया  गया,  तो  भारतीय  ववद्ानों  और
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                         –वकरन ररवजज ू    राजनीवतक नताओं के बीच यह अहसास
                 संसदीय काय्ष मत्रालय और   बढ़ रहा िा वक द़ेर के भववषय को ऐस  ़े
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               अलपसंखयक मामलों के मत्री,    कानूनों तिा रासन के ढाँच द्ारा आकार
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                          भारत सरकार      वदया जाना चावहए, जो भारतीय मूलयों को
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