Page 24 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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का्य्मक्म की कपड़्यों में प्धानमत्री ‘वोक् ़फॉर ्ोक्’ के प्ए प्ेरक
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द्ारा पदए गए सनदश कुछ ही हफतों में बनने ्या ‘्ोक् से ग्ोब्’ के प्पत
जनांदो्न बन गए हैं। इसे कुछ सवदेशी भारती्यों को मुखर बनने का आह्ान;
उद्योगों की सफ्ता में देखा जा सकता ‘मन की बात’ ने जनता को भारत में
है, जब प्धानमत्री ने अिने ‘मन की आतमपनभ्मरता की ओर बढ़ने के प्ए
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बात’ के समबोधन में उन िर प्काश प्ररत पक्या है।
डा्ा तो इनकी ़ख्यापत ्ोगों के प््यासों ‘मन की बात’ ने भारत में
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से दूर-दूर तक िहँची। ‘ख्ो इपड्या’ ्ोकतंत्र के सपद्यों िुराने मूल्यों को
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गेमस में खो-खो और कबड्ी जैस े मज़बूत पक्या है। ्यह कई भारती्यों की
िारमिररक ख्ों को बढ़ावा देना हो ्या कहापन्यों को सामने ्ा्या है, पजनहोंन े
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देश के कोने-कोने में UPI को अिनाना; राष्ट्ी्य पवकास के प्ए जन भागीदारी
चाहे भारती्य पख्ौना उद्योग को पवदेशों की सच्ी भावना को अिने छोटे-छोटे
में भी इसके प्ए भारी माँग िैदा करन े तरीकों से प्दपश्मत पक्या है और देश की
के प्ए प्ोतसापहत करना हो ्या प्ाचीन सफ्ता में ्योगदान पद्या है। ्यह अिनी
भारती्य ज्ाान को समझने हेतु देश भर तरह का िह्ा रपड्यो शो है, पजसकी
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से ्ोगों को आकप््मत करने के प्ए मज़बानी प्धानमत्री करते हैं और ्यह
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िारमिररक भारती्य क्ा रूिों और भारत के ्ोगों के सिनों के नए भारत
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कहानी कहने की शप््यों को उजागर के पनमा्मण की पदशा में उनके पवचारों,
करना हो; खादी और भारती्य शहद आकांक्ाओं, आशाओं और ्योगदान िर
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जैसे उतिादों के पन्या्मत में वपधि के साथ च्ता है।
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