Page 28 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
P. 28
जन भागीदारी से लोकतंत्र को मज़बूती
की अपभव्यक्त के एक अद ्भुत मंच के
रूि में सथापित हुआ है, जो ्ोगों को
सरकार के साथ संवाद शुरू करके, देश
की वृपधि और पवकास में ्योगदान के
प्ए सक्म करता है।”
पिछ्े 98 एपिसोड में ‘मन की
बात’ ने भारत में ‘जन भागीदारी’ और
‘जन आंदो्न’ की भावना को प्ोतसापहत
पक्या है, पफर चाहे जन भागीदारी की
भावना प्दपश्मत करने वा्े ‘बेटी बचाओ
जे.िी. नड ्डा बेटी िढ़ाओ’ ्या ‘सवचछ भारत’ अपभ्यान
राज्य सभा सांसद हों; ्या अमृत सरोवर ्या ‘वोक् फॉर
्ोक्’ जैसे जन अपभ्यान हों, प्धानमंत्री
के आह्ान िर जन आंदो्नों में त्दी्
हुए उनके सनदेशों ने सम्य-सम्य िर
जन भागीदारी पकसी भी समिन्न प्धानमंत्री की सुधारवादी सोच और एक
्ोकतंत्र की आधारपश्ा है। केव् नए, पवकपसत तथा आतमपनभ्मर भारत के
वही ्ोकतंत्र सफ् होता है, जो ्यह पनमा्मण में नागररकों की सामूपहक शक्त
सुपनकशचत करता है पक उसके नागररकों को गपत दी है।
की आवाज़ सुनी जाती है, उनकी पचनताएँ हर महीने ्ाखों भारती्य प्धानमंत्री
दूर की जाती हैं और उनकी भागीदारी के साथ सीधे संवाद करते हैं, वे उनके
को प्ोतसापहत पक्या जाता है। पनण्म्य साथ ित्रों, ईमे् और सनदेशों के माध्यम
्ेने की प्पक््याओं में ्ोगों की सपक््य से अिने ‘मन की बात’ साझा करते हैं।
भागीदारी, पकसी भी समाज की वृपधि ‘मन की बात’ का्य्मक्म ्यह भी दशा्मता
और पवकास के प्ए आवश्यक है। है पक समाज की शक्त कैसे राष्ट् की
प्धानमंत्री नरेनद् मोदी की अनूठी शक्त में बद् सकती है।
िह्, ‘मन की बात’ को व्यािक रूि हम सभी ने देखा पक भारत के
े
से एक रेपड्यो क्ाकनत कहा ग्या है, िारमिररक ख्ों को बढ़ावा देने के प्ए
ं
पजसका आधार जन भागीदारी है। भारत प्धानमत्री के आह्ान िर देश भर के
े
के नागररकों की सामापजक समस्याओं ्युवा हमारे सवदेशी ख्ों को सीखने और
े
से ्ेकर ि्या्मवरणी्य चुनौपत्यों तथा ख्ने के प्ए प्ोतसापहत हुए और इसस े
े
तकनीकी प्गपत तक के पवपभन्न पव््यों देश में ख् क्ाकनत आ गई। इसी तरह,
िर आधाररत ‘मन की बात’ ्ोगों से अिने एक ‘मन की बात’ समबोधन में
े
ं
जुड़ने तथा पवशवास और समावेशी शासन प्धानमत्री नरनद् मोदी ने राष्ट् से भारती्य
ू
का पनमा्मण करने का एक महत्विण्म पख्ौनों को बढ़ावा देने और बच्ों को
ु
ृ
उिकरण बन चुका है। पख्ौना बनाने से जड़ी भारत की समधि
कृ
जैसा पक प्धानमंत्री ने हा् में अिने संसकपत और िरमिराओं के बारे में बताए
े
े
‘मन की बात’ समबोधन में उल्ख जाने की अिी् की। इसका उद्श्य केव्
पक्या था, “मन की बात, जन भागीदारी िारमिररक भारती्य पख्ौनों को बढ़ावा
24
24