Page 29 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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देना ही नहीं, बकलक पख्ौनों के आ्यात,   एक अनूठा दृश्य बना पद्या। ्ये सब जन
             े
          पवश्कर  चीन  से  आ्यात  िर  हमारी   भागीदारी के जव्नत उदाहरण हैं, पजसे
                                      ं
          पनभ्मरता कम करना भी था। प्धानमत्री   प्धानमंत्रीजी ने रेपड्यो का शक्तशा्ी
                      ्
          की अिी् ने अद भुत काम पक्या, ््योंपक   माध्यम उि्योग करके पवकपसत पक्या
          आज  भारत  के  पख्ौना  आ्यात  में  न   है।  ‘सबका  साथ,  सबका  पवकास’  की
          केव् बहुत कमी आई है, बकलक इसन  े  भावना को मूत्म रूि देते हुए प्धानमंत्री
                                                                   ू
          हमारे अिने पख्ौना उद्योग में जान डा्   के ‘मन की बात’ ने सफ्तािव्मक दो-
          कर इसे पवकपसत पक्या और भारती्य    तरफा संचार माध्यम बना्या है।
          कारीगरों  को  आजीपवका  कमाने  में    भारत में जन भागीदारी एक अदम्य
          मदद पम्ी है। अिने एक ‘मन की बात’   शक्त  है,  पजसके  ऐसे  अकलिनी्य
                                                                      ु
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          समबोधन में प्धानमत्री ने ‘कहानी सुनाने’   सकारातमक िररणाम पम्े हैं, जो दपन्या
          पकससा की भारत की अनूठी क्ा की     के प्ए एक उदाहरण हैं। जन भागीदारी
          ओर देश का ध्यान आकप्त पक्या और    की  ताक़त  का  प्माण  ‘2  पबप््यन  स  े
                              ्म
          आज ्यह प्पसधि हो चुका है।         अपधक कोपवड-19 टीकाकरण’ ररकॉड्ड है,
              प्धानमंत्री  ने  ्ोगों  को  हमारी   पजसे 18 महीनों में हापस् कर ्ेना कोई
          जानी-मानी हकसत्यों की ज्यंती से जोड़ने   छोटी उि्क्ध नहीं थी, इसे हमने कर
          की भी कोपशश की तापक उनहें प्ासंपगक   पदखा्या। जागरूकता िैदा करने के साथ-
          और  आक््मक  बना्या  जा  सके।  जैसे   साथ  भागीदारी  और  आचरण  िररवत्मन
                                                                     ं
          सरदार  िटे्  की  ज्यंती,  जो  ‘एकता   को प्ोतसापहत करने के प्ए प्धानमत्रीजी
          पदवस’ के रूि में मनाई जाती है, उस   ने महामारी और कई अन्य के बीच इस
          पदन प्धानमंत्री ने देश भर के ्ोगों से   ऐपतहापसक उि्क्ध के बारे में ‘मन की
          जुड़ने के प्ए देशभक्त से समबकनधत   बात’ समबोधन में चचा्म की, जो भारत के
          तीन प्पत्योपगताएँ – गीत ्ेखन, ्ोरी   दूरदराज़ के क्ेत्रों से भी जन भागीदारी में
          और रंगो्ी शुरू कीं। देशवापस्यों, पवशे्   अटूट पवशवास काे प्दपश्मत करता है।
          रूि  से  ्युवाओं  ने  उनका  ्यह  आह्ान   ‘मन  की  बात’  ने  न  केव्  देश
          हाथो-हाथ  प््या  और  700  से  अपधक   में  सामापजक  िररवत्मन  की  ्हर  शुरू
          पज़्ों  के  5  ्ाख  से  अपधक  ्ोगों  ने   की,  बकलक  इससे  सश्त  आतमपनभ्मर
          इसमें भाग प््या।                  भारत के पवकास की पदशा में ्ोगों की
              हमने  ‘हर  िर  पतरंगा  अपभ्यान’   िररवत्मनकारी शक्त का भी िता च्ता
          की सफ्ता भी देखी है। प्धानमंत्री के   है, जो प्धानमंत्री के सिष्ट आह्ान को
          नेतृतव में, िव्म से िकशचम और उत्तर से   अमृत का् ्यानी सब की भागीदारी सब
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          दपक्ण तक िूरे देश ने एकजुट होकर इसे   की समृपधि की ओर ्े जाता है।

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