Page 53 - Mann Ki Baat - Hindi
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“गोंड और माना जनजावतयाँ ताडोबा-अंधारी ्टाइगर ररज़ि्थ के मुखय वनिासी हैं और उनहोंने
             इसके संरषिण में महत्िपूण्थ भूवमका वनभाई है। इस मज़बूत समबंध ने षिेत्र में बाघों की आबादी में
             िवधि में योगदान वदया है। प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी विारा ‘मन की बात’ में िन रषिक के रूप में गोंड
              ृ
             और माना जनजावतयों का उललेख करने से जनजातीय समुदायों को बहुत प्रेरणा वमली है। इस
             प्रशंसा ने हमें बहुत खुशी दी है और इस उतककृष्ट काय्थ को जारी रखने की प्रेरणा दी है।”

                                          - बंदू कुमारे, टूररसट गाइड,
                                         ताडोबा-अंधारी टाइगर रररव्थ


          “आंध् प्रदेश की नललामाला िहापडयों िर रहने वाली ‘चेंचू’ रनरापत ने टाइगर
           ै
          ट्कर के रूि में रंगल में रानवरों की आवाराही के बारे में हर रानकारी एकत्
          की है। इसके सार ही वे क्षेत् में अवैध गपतपवपधयों िर भी नज़र रखते हैं।”

          आंध् प्रदेश की नललामाला िहापडयों में चेंचू रनरापत के उललेखनीय संरक्षि
          प्रयासों को भी प्रधानमंत्ी नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ के दौरान उरागर पकया।
          इसी क्रम में हमारी टीम ने नललामाला वन के कुछ लोगों से बात की।

          “हमारे प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में नललामाला जंगल में बाघ ट्रैकर के रूप में चेंचू
          की महत्िपूण्थ भूवमका की प्रशंसा की। इस षिेत्र के मूल वनिासी होने और जंगल के भीतर रहने के
          कारण, िे स्थानीय िनयजीिों से अचछी तरह पररवचत हैं। नललामाला िन के आतमकुर वडिीजन में
          हमारे पास 29 अिैध वशकार विरोधी बेस कैमप हैं।”

                                             - एम. िट्ापभ
                                       (नललामाला वन रेंर अपधकारी)


          “इस षिेत्र का मूल वनिासी होने के नाते मैं 15 िषषों से आतमकुर बेस कैमप में एक संरषिण पय्थिषिक
                                                              े
          के रूप में काम कर रहा हूँ। अपने िररषठ अवधकाररयों के आदेशों का पालन करते हुए हम बाघों के
          विचरण षिेत्रों और उनके पदवचह्ों की पहचान करते हैं, उनके पदवचह्ों की तसिीरें लेते हैं और रेंजरों
          को यह जानकारी उपल्ध कराते हैं। हम अपने माननीय प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी के आभारी हैं वक
          उनहोंने जंगल में बाघों की सुरषिा के वलए की गई हमारी कडी मेहनत को पहचाना है।”
                                       - चेन्नईया, वन संरक्षि िय्थवेक्षक,
                                            आतमकुर बेस कै्ि


          “अगर कोई अनजान वयबकत जंगल में प्रिेश करता है, तो हम तुरंत अपने उच्च अवधकाररयों को
          इसकी जानकारी देते हैं। ऐसा करके हम बाघों की सुरषिा में मदद करते हैं। बाघों की आबादी बढ़ने
          के सा्थ, हम संरषिण पय्थिषिकों के रूप में अपने काम से बहुत खुश और गौरिाबनित हैं। हमारे प्रयासों
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          को हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी ने पहचाना और सराहा है, उनकी उतसाहिध्थक व्टपपवणयों
          ने हमें नई प्रेरणा और उतसाह वदया है।”
                                          - पशव शंकर, वन संरक्षि
                                        िय्थवेक्षक, कोरािलली बेस कै्ि
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