Page 48 - Mann Ki Baat - Hindi
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बुलंद रह दहाड़
बाघ संरक्षि में भारत अग्रि्री
भारत में ‘्बाघ’ िमारी संसकटत िर साल 29 रुलाई को, पिूरा टवशव
कृ
का अटभन्न टिससा रिा िै। िम स्ब एक साथ टमलकर अंतरराषट्ीय ्बाघ
्बाघों से रुड़े टकससे-किाटनयाँ सुनते िुए टदवस मनाता िै। यि धरती पिर प्रककृटत
िी ्बड़े िुए िैं। रंगल के आस-पिास के
गाँव में तो िर टकसी को पिता िोता िै टक के स्बसे प्रटतमष्ठत रीवों में से एक
्बाघ के साथ ताल-मेल ट्ब्ठाकर कैसे िै। इसकी रक्ा करना िमारा साझा
रिना िै। िमारे देश में ऐसे कई गाँव दाटयतव िै। पििली ्बार 2010 में रूस
िैं, रिाँ इंसान और ्बाघ के ्बीच कभी
टकराव की मसथटत निीं आती। में सेंट पिीटस्थ्बग्थ टाइगर सटमट में
प्रधानमंरिी नरेनद्र मोदी अंतरराषट्ीय ्बाघ टदवस मनाया गया।
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(‘मन की ्बात’ स््बोधन में ) इसका उद्शय रंगली ्बाघों की आ्बादी
में ितरनाक टगरावट को उरागर करने
के साथ उनके संरक्ण के टलए वैमशवक
प्रयासों को प्रोतसाटित करना िै। टशिर
स्मेलन में 13 देशों ने सामूटिक रूपि से
्बाघों के रिने के सथान की सुरक्ा और
दुटनया भर में उनकी आ्बादी ्बढ़ाने के
उद्शय से संरक्ण के अनेक उपिायों को
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लागू करने की प्रटत्बद्ता रताई।
अंतरराषट्ीय ्बाघ टदवस 2024 की
थीम सममनवत प्रयासों के माधयम से
्बाघों और उनके रिने के सथान की रक्ा
करने के टलए एक मित्वपिण्थ ‘कारवाई
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का आह्ान’ पिर ज़ोर देती िै।
अंतरराषट्ीय ्बाघ टदवस का मित्व
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