Page 51 - Mann Ki Baat - Hindi
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में प्रोरेकट टाइगर की 50वीं वष्थगाँ्ठ के   टक  रन-भागीदारी  ्बाघों  के  संरक्ण  में

          अवसर  पिर  सात  प्रमुि  ट्बग  कैट  के   ्बिुत काम आ रिी िै। ऐसे प्रयासों की
          संरक्ण के टलए लॉनच टकया था। सात   वरि से िी भारत में ्बाघों की आ्बादी
          ट्बग कैट में ्बाघ, शेर, तेंदुआ, टिम तेंदुआ,   िर साल ्बढ़ रिी िै। आपिको ये रानकर

          पयूमा,  रगुआर  और  चीता  शाटमल  िैं।   िुशी  और  गव्थ  का  अनुभव  िोगा  टक
          इनमें से पिाँच ट्बग कैट यानी ्बाघ, शेर,   दुटनयाभर में टरतने ्बाघ िैं, उनमें से 70
          तेंदुआ, टिम तेंदुआ और चीता भारत में   प्रटतशत  ्बाघ  िमारे  देश  में  िैं।  सोटचए!
          पिाए राते िैं।                    70  प्रटतशत  ्बाघ!  -  तभी  तो  िमारे  देश

              भारत के टवटभन्न क्ेरिों में सथानीय   के अलग-अलग टिससों में कई टाइगर
                               ु
          समुदाय ्बाघ संरक्ण से रड़ी अटभनव   सैंकचुएरी िैं।”
          पििलों में स्बसे आगे िैं। रारसथान के   भारत में अ्ब 54 ्बाघ अभयारणय िैं,

          रणथ्भौर  में  ‘कुलिाड़ी  ्बंद  पिंचायत’   िाल िी में रानी दुगा्थवती ्बाघ अभयारणय
          एक अनुकरणीय अटभयान िै। सथानीय     को मधय प्रदेश का 7वाँ ्बाघ अभयारणय
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          समुदायों ने पिड़ों को न काटने और न िी   घोटषत  टकया  गया  िै।  यि  टवसतार
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          कुलिाड़ी  लेकर  रंगल  में  प्रवेश  करने   वनयरीव  संरक्ण  के  प्रटत  मित्वपिण्थ
          का संकलपि टलया िै। यि सरल, लेटकन   प्रटत्बद्ता  को  दशा्थता  िै,  कयोंटक  ये
          शमकतशाली  टनण्थय  रंगलों  को  टफर  से   अभयारणय  सामूटिक  रूपि  से  78,000
          रीटवत करने और ्बाघों के टलए रिने   वग्थ टकलोमीटर में फैले िुए िैं और देश

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          का  ्बितर  सथान  ्बनाने  में  मदद  कर   के  भौगोटलक  क्ेरि  के  2.30  प्रटतशत  से
          रिा िै। इसी तरि मिाराषट् के ताडो्बा-  अटधक क्ेरि को कवर करते िैं।
          अंधारी  टाइगर  ररज़व्थ  में  गोंड  और   ्बाघ  संरक्ण  के  टलए  भारत  का
          माना  रनराटतयों  ने  इको-टससटम  को   दृमषटकोण पिार्पिररक ज्ाान, सामुदाटयक

          ्बितर  ्बनाने  पिर  ज़ोर  टदया  िै।  इससे   भागीदारी और आधुटनक तकनीकों के
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          वन संसाधनों पिर उनकी टनभ्थरता काफी   एक  सशकत  सम्मश्ण  को  दशा्थता  िै।
          कम िो गई िै।                      चूँटक देश लगातार उदािरण पिेश कर रिा

              प्रधानमंरिी नरेनद्र मोदी ने भी अपिने   िै, ्बाघों के समृद् भटवषय को सुटनमशचत
          112वें ‘मन की ्बात’ स््बोधन में समुदाय   करने िेतु इन प्रयासों को ्बनाए रिना
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          द्ारा संचाटलत ्बाघ के संरक्ण से रड़े   और उनका टवसतार करना िम स्बके
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          प्रयासों की सरािना की। “मुझे िुशी िै   टलए मित्वपिण्थ िै।

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