Page 37 - Mann Ki Baat - Hindi
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          प्रापत िोता िै। इससे यि सटनमशचत िोता ि  ै  की  सतत  टवरासत  और  भारत  के
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          टक िथकरघा उतपिाद समकालीन फैशन     सांसकटतक  और  आटथ्थक  टवकास
          रुझानों के अनुरूपि िों।           में  उनकी  अटभन्न  भूटमका  की  एक
              नोवाटेकस  इलेमकट्कल  टसलेंडर,   मित्वपिण्थ याद टदलाता िै। यि ्बुनकरों
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          साटड़यों  और  धोटतयों  पिर  टडज़ाइन   की  कलातमकता  और  समपि्थण  का
          ्बुनने की प्रटक्रया को सरल ्बनाता िै।   स्मान करता िै और भारत की टवरासत
          इससे  िज़ारों  पिंच  काडषों  पिर  टनभ्थरता   के एक मित्वपिण्थ पििलू को ्बनाए रिने
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          ितम िो राती िै, कयोंटक इनिें िर नए   में उनकी भूटमका को मित्व देता िै। यि
          टडज़ाइन  के  टलए  पिुन:  कॉमनफगरेशन   टदन िथकरघा उतपिादों को ्बढ़ावा देने के
          की  आवशयकता  िोती  िै।  ब्रह्पिरि   टलए उतप्रेरक का भी काम करता िै।
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          फै्बलस सवदेशी टशलपि को ्बढ़ावा देते िुए   अपिने  स््बोधन  में  प्रधानमंरिी  ने
          कारीगरों को सीधे ऑनलाइन पलेटफॉम्थ   राषट्  से  आग्ि  टकया  टक  िम  िैंडलूम
          के  माधयम  से  उपिभोकताओं  से  रोड़ता   उतपिाद िरीदकर और उनके मित्व के
          िै। ये सटाट्डअपि इस ्बात का उदािरण   ्बारे  में  रागरूकता  फैलाकर  िैंडलूम
          िैं टक कैसे तकनीक पिार्पिररक उद्ोगों   ्बुनकरों  का  समथ्थन  कर  सकते  िैं।
          को  पिुनरनीटवत  कर  सकती  िै,  टरससे   उनिोंने इस ्बात पिर रोर टदया टक ऐसा
          िथकरघा उतपिाद आधुटनक उपिभोकताओं   करके िम न केवल ्बुनकरों को सशकत
          के  टलए  अटधक  सुलभ  और  आकष्थक   ्बनाएँगे,  ्बमलक  भारत  की  सांसकटतक
                                                                      कृ
          ्बन सकते िैं।                     और आटथ्थक पििचान के एक मित्वपिण्थ
                                                                        ू
              राषट्ीय िथकरघा टदवस िथकरघा    टिससे के संरक्ण में भी योगदान देंगे।


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