Page 16 - Mann Ki Baat - Hindi
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एक शानदार काय्थक्रम िुआ। यिाँ ‘एक   रोश  िाई  रिता  िै।  ग़री्ब  िो,  अमीर
        पिेड़ माँ के नाम’ काय्थक्रम के दौरान एक   िो, छोटा घर िो, ्बड़ा घर िो, िर कोई
        िी टदन में 2 लाि से ़जयादा पिौधे लगाए   टतरंगा लिराकर गव्थ का अनुभव करता
        गए। अपिनी माँ के नाम पिर पिेड़ लगान  े  िै। टतरंगे के साथ सेलफ़ी लेकर सोशल
        के इस अटभयान से आपि भी ज़रूर रुड़ें   मीटडया  पिर  पिोसट  करने  का  क्रेज़  भी
        और सेलफी लेकर सोशल मीटडया पिर     टदिता िै। आपिने गौर टकया िोगा, र्ब
        भी पिोसट करें। इस अटभयान से रुड़कर   कॉलोनी या सोसाइटी के एक-एक घर
        आपिको अपिनी माँ और धरती माँ, दोनों   पिर टतरंगा लिराता िै, तो देिते-िी-देिते
                       े
        के  टलए  कुछ  सपिशल  कर  पिाने  का   दूसरे घरों पिर भी टतरंगा टदिने लगता िै
        एिसास िोगा।                       यानी ‘िर घर टतरंगा अटभयान’– टतरंगे
                                          की शान में एक यूटनक फेसटीवल ्बन
            मेरे  पयारे  देशवाटसयो,  15  अगसत   चुका िै। इसे लेकर अ्ब तो तरि-तरि
        का  टदन  अ्ब  दूर  निीं  िै  और  अ्ब  तो   के इनोवेशन भी िोने लगे िैं। 15 अगसत
        15 अगसत के साथ एक और अटभयान       आते-आते,  घर  में,  द़्फतर  में,  कार  में,
        रुड़ गया िै, ‘िर घर टतरंगा अटभयान’।   टतरंगा  लगाने  के  टलए  तरि-तरि  के
        टपिछले कुछ वषषों से तो पिूरे देश में ‘िर   प्रोडकटस  टदिने  लगते  िैं।  कुछ  लोग
        घर  टतरंगा  अटभयान’  के  टलए  स्बका   तो ‘टतरंगा’ अपिने दोसतों, पिड़ोटसयों को

                      हर घर-आँगन में फिर


                                                ं
                           लहराया तिरगा

























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